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केरल के हालात बाढ़ और लैंड स्लाइड के कारण इन दिनों बेहद खराब चल रहे हैं। केरल में इडुक्की, एर्नाकुलम और त्रिशूर के इलाके बाढ़ के पानी से अभी भी डूबे हुए हैं, लेकिन शनिवार को बारिश नहीं होने से यहां रहने वाले हजारों लोगों ने राहत की सांस ली है। इसके साथ ही सरकार ने बाढ़ में अपनी घर और संपत्ति गंवाने वाले प्रत्येक परिवार को 10 लाख रुपये देने की घोषणा की है। वहीं इंडियन आर्मी के जवानों द्वारा राज्य में राहत और बचाव कार्य भी जारी है। केरल में भारी बारिश से आई बाढ़ और भूस्खलन ने भारी तबाही मचाई। इस तबाही से जान माल का बहुत नुकसान हुआ। (All Photos- Indian army)
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ये जवान अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों को बचा रहे हैं और उन्हें राहत शिवरों में पहुंचा रहे हैं। आठ अगस्त से अब तक बारिश से जुड़ी घटनाओं में 37 लोगों की मौत हुई है।
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इन जवानों को न सिर्फ केरल के लोग बल्कि पूरे देश के लोग इन्हें सलामी दे रहे हैं।
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देश के जवानों ने अब तक राहत शिविरों में 60,000 से अधिक लोगों को पहुंचाया है।
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बुरे मौसम, खराब संचार और कनेक्टिविटी से लड़ने वाले बचाव अभियान में सैनिक लगातार शामिल हैं। बुजुर्ग महिलाओं और बच्चों सहित 1000 से अधिक लोगों को विभिन्न स्थानों से बचाया गया है जहां टीमें वर्तमान में परिचालन कर रही हैं।
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सेना के जवानों ने केरल के इडुक्की जिले के मानकुलम एरिया से विरिनजापारा तक एक लकड़ी का पुल बनाकर फिर से कनेक्टिविटी बहाल कर दी है।
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तीन दिन पहले ही यह कंक्रीट ब्रिज पानी में बह गया था। इस गांव में 800 परिवार रहते हैं।
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सेना के जवान का खराब मौसम में भी रेसक्यू ऑपरेशन में जुटे हुए हैं। एनडीआरएफ की टीम भी लोगों को बचाने में लगी हुई है।
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केरल के इडुक्की बांध में रविवार को जलस्तर में गिरावट आई है। बांध का जलस्तर अभी 2,399.28 फीट है। हालांकि एनार्कुलम और त्रिशूर जिलों के कई हिस्से अभी भी जलमग्न हैं। मौसम अधिकारियों के मुताबिक, शनिवार सुबह 24 घंटे की अवधि में इडुक्की जिले में 90 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। बांध का जलस्तर अब 2,400 फीट के निशान से नीचे है लेकिन जिला प्रशासन ने कहा कि बांध के पांच द्वारों को बंद करने का फैसला बारिश पर निर्भर करेगा।
