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केरल में सोमवार (20 अगस्त) को बारिश से लोगों को कुछ राहत मिली है लेकिन बेघर हुए लोगों का पुनर्वास और जलजनित बीमारियों से बचाने का काम एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। राज्य में आठ अगस्त के बाद से हुई भारी बारिश और बाढ़ के चलते करीब साढ़े तीन सौ से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है और करीब सवा सात लाख लोग बेघर हुए हैं जिन्हें 5,645 राहत शिविरों में ठहराया गया है। केरल के बाढ़ प्रभावित इलाकों में इन दिनों इंडियन आर्मी, इंडियन एयरफोर्स और इंडियन नेवी सहित एनडीआरएफ की टीम देवदूत बनकर आई है। तीनों सेना के जवान अपनी जान जोखिम में डालकर केरलवासियों को मुश्किल घड़ी से बाहर निकाल रहे हैं। (All Photos- Indian Army Official Page/ PTI)
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प्रतीकात्मक तस्वीर
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केरल में राहत और बचाव कार्य में इंडियन आर्मी के 1500 जवान लगे हुए हैं। इसके अलावा एयरफोर्स, नेवी और एनडीआरएफ के जवान भी इस अभियान में शामिल हैं।
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बाढ़ के चलते छतों पर और संपर्क से बुरी तरह कटे इलाकों में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए रक्षाबलों के हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
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आज ही आज में 57 लोगों को रेस्क्यू किया है। उन्होंने बताया कि इंडियन आर्मी ने अब तक 15 पुल बनाए हैं, जिनके जरिए 20 ग्रामों में लोगों को भोजन पहुंचाया जा रहा है। जहां पर 1200 सिविलियन रह रहे हैं।
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यहां पर सैन्यकर्मी फंसे लोगों की तलाश में दुर्गम इलाकों में पहुंचे हुए हैं।
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बाढ़ से लोगों को तो सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है साथ ही मकानों से मलबे को हटाने के प्रयास किए जा रहे हैं जिससे कि उन्हें रहने लायक बनाया जा सके।
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केरल जल प्राधिकरण और केरल राज्य विद्युत बोर्ड पिछले कई दिनों से पेयजल और बिजली न होने की समस्या का सामना कर रहे इलाकों में संबंधित आपूर्ति बहाल करने की कोशिश कर रहे हैं। सेना के जवान लबरेज पानी के बीच से कनेक्टिविटी करने कोशिश कर रहे हैं।
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विमानों ने सभी बाढ़ पीड़ित लोगों को खान-पान सामग्री पहुंचाई जा रही है।
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नौसैन्य हवाईअड्डे से छोटे विमानों का परिचालन किया जा रहा है क्योंकि कोच्चि अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा रनवे पर पहुंची बाढ़ के चलते 26 अगस्त तक के लिए बंद कर दिया गया है। सेना के जवान अपनी जिंदगी से खेलकर इन सभी लोगों की जान बचा रहे हैं।
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देश के विभिन्न हिस्सों से राहत सामग्री बंदरगाह पर पहुंचनी शुरू हो गई है जिससे कि भीषण बाढ़ से प्रभावित लोगों को कुछ राहत मिल सके।
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कोचीन बंदरगाह ट्रस्ट के एक अधिकारी ने बताया कि नौसेना का पोत आई एन एस दीपक लगभग 800 टन स्वच्छ पानी और लगभग 18 टन खाद्य वस्तुएं लेकर मुंबई से पहुंचा है। ताकि बाढ़ से पीड़ित लोगों का खान-पान हो सके।
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केरल में सेना के ये जवान इन पीड़ितों के लिए मानो भगवान हैं।
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ये जवान ही हैं जो उन्हें मौत के मुंह से निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचा रहे हैं।
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इन्हें अपनी जान की परवाह नहीं लेकिन लोगों की सुरक्षा के लिए ये हर मुश्किल घड़ी को पार पीड़ितों को सुरक्षित जगह पहुंचा रहे हैं।
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बेघर हुए लोग तब तक राहत शिवरों में रहेंगे जब तक पानी पूरी तरह से छट नहीं जाता।
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केरल में बाढ़ पीड़ितों के लिए देश-विदेश से लोग दान कर रहे हैं।
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आज ही अमेरिका के एक एनजीओ ने इन जिंदगिंयों को बचाने के लिए डोनेशन भेजा है।
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वहीं देश भर से लोग पेटीएम के जरिए लोग अपनी श्रद्धा के अनुसार पूंजी भेज रहे हैं।
