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कृष्णजन्माष्टमी सनातन धर्म का एक अत्यंत पावन और उल्लासपूर्ण पर्व है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को बड़े ही हर्षोल्लास और भक्ति भाव से मनाया जाता है। देशभर के मंदिरों और घरों में सुंदर सजावट, भजन-कीर्तन और झांकियों का आयोजन होता है। साथ ही, भक्त व्रत रखकर भगवान को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। (Photo Source: Pexels)
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वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद जी महाराज के अनुसार, जन्माष्टमी के व्रत में कुछ नियमों का पालन करना आवश्यक है। यदि इन नियमों का पालन न किया जाए तो व्रत और पूजा दोनों ही खंडित हो सकते हैं, जिससे साधक को पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता। (Photo Source: PremanandJi Maharaj/Facebook)
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व्रत के दौरान अपनाएं ये नियम
सच्चे मन से पूजा – व्रत रखने वाले ही नहीं, बल्कि जो व्रत नहीं रख रहे हैं, उन्हें भी जन्माष्टमी के दिन पूरे मनोयोग से भगवान कृष्ण की पूजा करनी चाहिए। (Photo Source: Pexels) -
लड्डू गोपाल का श्रृंगार – फूलों और आभूषणों से लड्डू गोपाल का सुंदर श्रृंगार करें और उन्हें आनंदित करें। (Photo Source: Pexels)
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नामजप और कथा श्रवण – दिनभर श्रीकृष्ण के नाम का जाप करें, उनकी लीलाओं की कथा सुनें और घर में कीर्तन करें। (Photo Source: PremanandJi Maharaj/Facebook)
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ब्रह्मचर्य का पालन – इस दिन तामसिक भोजन और अशुभ गतिविधियों से दूर रहें तथा ब्रह्मचर्य का पालन करें। (Photo Source: PremanandJi Maharaj/Facebook)
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तामसिक आहार से बचें – मांसाहार, लहसुन, प्याज जैसे तामसिक पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए। (Photo Source: Pexels)
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व्रत खोलने का सही समय
मान्यताओं के अनुसार, जन्माष्टमी का व्रत मध्यरात्रि 12 बजे भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के बाद ही खोलना चाहिए। व्रत तोड़ने से पहले भगवान का विधिवत पूजन करना और प्रसाद ग्रहण करना जरूरी है। (Photo Source: Unsplash) -
मंदिर दर्शन और विधिपूर्वक पूजा
प्रेमानंद जी महाराज बताते हैं कि जन्माष्टमी के दिन किसी कृष्ण मंदिर में जाकर दर्शन करना और सुबह व रात में भगवान का विधि-विधान से पूजन करना अत्यंत शुभ फलदायक होता है। (Photo Source: Pexels) -
लड्डू गोपाल को लगाएं ये भोग
मक्खन – गाय के दूध से बने मक्खन का भोग भगवान को अति प्रिय है और इसे लगाना अत्यंत शुभ माना जाता है। (Photo Source: Pexels) -
मालपुए – चावल से बने मालपुओं का भोग लगाने की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है। (Photo Source: Pexels)
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पंजीरी – पंजीरी का भोग भगवान को अर्पित करना शुभ माना जाता है, साथ ही दही से बने श्रीखंड का भोग भी विशेष महत्व रखता है। (Photo Source: Unsplash)
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