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चांदीपुर स्थित इंटिग्रेटेड टेस्ट रेंज (आईटीआर) से सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का सोमवार को सफल प्रायोगिक परीक्षण किया गया। इस मिसाइल के बार में रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण से अपने ट्वीटर अकाउंट पर जानकारी दी। उन्होंने डीआरडीओ के अपने ट्वीट के जरिए बधाई दी। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के सुपरसेनिक क्रूज मिसाइल का परीक्षण आईटीआर से करीब सवा दस बजे आसमान में छोड़ गया। ब्रह्मोस मिसाइल ने अपने निर्धारित प्रक्षेपण पथ के रास्ते मिशन के लक्ष्य को हासिल किया। डीआरडीओ का कहना है कि मिसाइल ने टेस्ट फायर में सभी मानकों को पूरा किया है। (All Photos- All India radio/ Doordarshan)
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ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल के लॉन्च होते ही देश के रक्षा क्षेत्र ने एक और मील का पत्थर हासिल कर लिया है। ब्रह्मोस मिसाइल की स्पीड वर्तमान में 3700 किलोमीटर प्रति घंटा है। इसी रफ्तार के साथ यह मिसाइल 290 किलोमीटर तक के ठिकानों बार बार कर सकती है। बताया जा रहा है कि जल्द ही इसकी स्पीड और भी तेज बढ़ाई जाएगी।
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2007 में ब्रह्मोस को सैन्य बेड़े में शामिल किया गया आर्मी के पास फिलहाल इसकी तीन रेजिमेंट हैं। नेवी के 25 शिप पर ब्रह्मोस की तैनाती कर हो चुकी है। ब्रह्मोस एयरोस्पेस भारत के डीआरडीओ व रूस के फेडरल स्टेट यूनिटरी एंटरप्राइज एनपीओएम का संयुक्त उद्गम है।
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गौरतलब है कि इससे पहले इसी साल 21 मई और 22 मई को ब्रह्मोस मिसाइल के 2 परीक्षण किए गए थे। इनमें 'मेक इन इंडिया' के तहत स्वदेश विकसित प्रमुख सब-सिस्टम का परीक्षण भी हुआ है।
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सेवा विस्तार कार्यक्रम के तहत 21 मई को आईटीआर से मिसाइल का सफल प्रक्षेपण किया गया था। ब्रह्मोस डीआरडीओ और रूस की एनपीओएम का एक संयुक्त उपक्रम है।
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यह मिसाइल भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना में शामिल की जा चुकी है।
आपको बता दें कि ब्रह्मोस भारत की ऐसी पहली मिसाइल है, जिसका जीवनकाल 10 से 15 वर्षो तक बढ़ाया गया है। आपको बता दें कि भारतीय सेना ने पहले ही ब्रह्मोस के तीन रेजिमेंट्स को अपने बेड़े में शामिल कर लिया है। सभी मिसाइल ब्लॉक-3 संस्करण से लैस हैं।