-
कई ऐसे प्रशासनिक अधिकारी रहे हैं जिन्होंने सरकार के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया। इनमें से किसी को जबरन रिटायर कर दिया गया तो किसी ने स्वेच्छा से अपना पद त्याग दिया। कुछ तो पद पर रहते हुए भी सरकार की नीतियों पर लगातार सवाल उठाते रहे। आइए डालते हैं ऐसे ही चंद अफसरों पर एक नजर:
-
सूर्य प्रताप सिंह 1982 बैच के यूपी काडर के IAS अफसर थे। अब वह रिटायर हो चुके हैं। रिटायर होने के बाद भी वह लगातार केंद्र और यूपी सरकार की नीतियों पर हमला बोलते रहते हैं। उनके ट्वीट के आधार पर यूपी सरकार उनपर FIR भी दर्ज कर चुकी है। हालांकि FIR के बाद भी सूर्य प्रताप सिंह अपनी आवाज बुलंद किये हुए हैं।
-
IPS अमिताभ ठाकुर यूपी के चर्चित अफसर रहे हैं। राज्य के सीएम रहे मुलायम सिंह यादव से उन्होंने सीधी टक्कर लेकर खूब सुर्खियां बटोरी थीं। योगी सरकार में भी वह मुखर रहे। साल 2021 में सरकार ने उन्हें जबर रिटायर कर दिया। सरकार के इस फैसले के बाद भी अमिताभ ठाकुर पूरे दम से अपनी बात रख रहे हैं।
-
संजीव भट्ट गुजरात काडर के आईपीएस अधिकारी थे। उन्हें पद से बर्खास्त कर दिया गया था। मोदी सरकार की आलोचना के लिए वह चर्चित हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से वह सरकार पर लगातार हमलावर रहे। फिलहाल वह एक मामले में जेल में हैं।
-
साल 2002 में आईएएस अधिकारी हर्ष मंदर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। वह गुजरात में 2002 में हुए दंगों के बाद से राज्य सरकार की भूमिका से नाराज थे। पद से हटने के बाद वह लगातार सरकार की गवत नीतियों का विरोध करते रहे हैं।
-
21 अगस्त 2019 को आईएएस अफसर कन्नन गोपीनाथन ने जम्मू-कश्मीर से 370 के हटने के बाद हुए लॉकडाउन से नाराज होकर अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफा देते हुए उन्होंने कहा था- देश के एक हिस्से में इतने लंबे समय से मूलभूत अधिकारों का निलंबन और अन्य राज्यों से कोई प्रतिक्रिया नहीं होना मुझे काफी पीड़ा दे रहा है। यह निचले स्तर तक हर जगह हो रहा है। मुझे यह स्वीकार नहीं है।
-
कर्नाटक काडर के आईएएस अफसर एस शशिकांत सेंथिल ने 6 सितंबर 2019 को इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने इस्तीफा देते हुए लिखा था- मैंने प्रशासनिक पद से इस्तीफा देने का फैसला इसलिए लिया है क्योंकि मुझे लगता है कि आज अभूतपूर्व तरीके से लोकतंत्र के संस्थानों को दबाया जा रहा है। मौलिक अधिकारियों को ब्लॉक कर दिया गया है। ऐसे में मैं सिविल सर्विस में रहना अनैतिक समझता हूं।