-

सांप का नाम सुनते ही ज़्यादातर लोगों के मन में डर बैठ जाता है। इसकी सबसे बड़ी वजह है उसका जहर, जिसे हम जानलेवा मानते हैं। लेकिन आधुनिक विज्ञान और मेडिकल रिसर्च ने इस सोच को पूरी तरह बदल दिया है। आज सांप का जहर सिर्फ मौत का कारण नहीं, बल्कि लाखों लोगों की जान बचाने वाला एक अहम मेडिकल टूल बन चुका है। (Photo Source: Pexels)
-
जहर में छुपी दवा
वैज्ञानिकों के मुताबिक सांप का जहर प्रोटीन, एंजाइम और पेप्टाइड्स का एक जटिल मिश्रण होता है। ये तत्व शरीर के नर्व सिस्टम, ब्लड क्लॉटिंग, हार्ट और सेल्स पर बहुत सटीक असर डालते हैं। इसी वजह से इन्हें दवाओं के रूप में विकसित किया जा रहा है। National Center for Biotechnology Information (NCBI) समेत कई अंतरराष्ट्रीय रिसर्च संस्थानों की रिपोर्ट्स बताती हैं कि सांप के जहर से बनी कई दवाएं आज मेडिकल प्रैक्टिस का हिस्सा हैं। (Photo Source: Pexels) -
हाई ब्लड प्रेशर
हाई ब्लड प्रेशर की मशहूर दवा कैप्टोप्रिल (Captopril) सांप के जहर से प्रेरित होकर बनाई गई है। यह दवा ब्राजीलियन वाइपर (Bothrops jararaca) के जहर में मौजूद एक कंपाउंड पर आधारित है और FDA द्वारा अप्रूव की जा चुकी है। (Photo Source: Pexels) -
हार्ट की दवाएं
इसी तरह हार्ट अटैक और स्ट्रोक में खून के थक्के बनने से रोकने वाली दवाएं जैसे टायरोफिबैन (Aggrastat) और एप्टिफिबेटाइड (Integrilin) भी सांप के जहर से विकसित की गई हैं। ये दवाएं ब्लड क्लॉटिंग को कंट्रोल कर जान बचाने में अहम भूमिका निभाती हैं। (Photo Source: Pexels)
(यह भी पढ़ें: सांपों को नहीं पसंद आती इन 7 चीजों की महक, सूंघते ही भाग जाते हैं दूर) -
कैंसर के इलाज में उम्मीद
रिसर्च में यह भी सामने आया है कि सांप के जहर में मौजूद कुछ कंपाउंड कैंसर सेल्स को नष्ट कर सकते हैं, जबकि सामान्य सेल्स को नुकसान नहीं पहुंचाते। खासतौर पर कोबरा और वाइपर प्रजाति के जहर पर आधारित कैंसर दवाओं पर अभी क्लिनिकल और प्रीक्लिनिकल स्टडी चल रही है। यह भविष्य में कैंसर ट्रीटमेंट का नया रास्ता खोल सकती हैं। (Photo Source: Pexels) -
दर्द निवारक
सांप के जहर से बनी कुछ दवाएं मॉर्फिन से भी ज्यादा प्रभावी पेनकिलर मानी जाती हैं। खास बात यह है कि ये दवाएं क्रॉनिक पेन, जैसे आर्थराइटिस में राहत देती हैं और इनके साइड इफेक्ट अपेक्षाकृत कम होते हैं। (Photo Source: Pexels) -
न्यूरोलॉजिकल बीमारियां
इसके अलावा अल्जाइमर, पार्किंसन और मिर्गी (एपिलेप्सी) जैसी न्यूरोलॉजिकल बीमारियों में भी सांप के जहर के कुछ कंपाउंड्स पर रिसर्च चल रही है, क्योंकि ये न्यूरॉन्स पर सीधे असर डालते हैं। (Photo Source: Pexels) -
डायबिटीज
रिपोर्ट्स के मुताबिक कुछ सांपों के जहर से निकले तत्व टाइप-2 डायबिटीज में इंसुलिन कंट्रोल करने में मदद कर सकते हैं, हालांकि इस दिशा में अभी रिसर्च जारी है। (Photo Source: Pexels)
(यह भी पढ़ें: सांप और नेवले में क्यों है दुश्मनी? जानिए इसके पीछे का वैज्ञानिक सच) -
स्किन केयर में भी उपयोग
इतना ही नहीं, कॉस्मेटिक इंडस्ट्री में भी ‘स्नेक वेनम जैसे कंपाउंड’ का इस्तेमाल किया जा रहा है। ये मसल्स को रिलैक्स कर झुर्रियां कम करने में मदद करते हैं, इसलिए इन्हें एंटी-एजिंग क्रीम्स में शामिल किया जा रहा है। (Photo Source: Pexels) -
जहर से ही जहर का इलाज
सांप काटने पर दिया जाने वाला एंटी-वेनम भी जहर से ही बनता है। इसके लिए नियंत्रित मात्रा में सांप का जहर घोड़े या भेड़ के शरीर में इंजेक्ट किया जाता है, जिससे एंटीबॉडी बनती हैं। यही एंटीबॉडी इंसानों में जहर को न्यूट्रलाइज कर जान बचाती हैं। (Photo Source: Pexels) -
प्रकृति का दोहरा रूप
एक्सपर्ट्स मानते हैं कि प्रकृति की हर चीज का दोहरा स्वभाव होता है। सांप का जहर इसका सबसे बड़ा उदाहरण है, एक तरफ यह जान ले सकता है, तो दूसरी तरफ यही जहर आधुनिक चिकित्सा में जीवन रक्षक साबित हो रहा है। आज तक सांप के जहर में मौजूद कुल तत्वों का बहुत छोटा हिस्सा ही पहचाना जा सका है। ऐसे में आने वाले समय में इससे और भी नई दवाएं विकसित होने की संभावना है। (Photo Source: Pexels)
(यह भी पढ़ें: दुनिया के सबसे आलसी माने जाते हैं ये सांप, दिखतें हैं सुस्त, लेकिन इनके वार से नहीं बचता कोई शिकार)