
नवनिर्वाचित राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंगलवार को भारत के 14वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण करने के थोड़ी देर बाद संविधान की रक्षा और पालन करने का वचन दिया। उन्होंने साथ ही न्याय, स्वंतत्रता और समानता के मूल्यों के पालन का भी वचन दिया। कोविंद ने संसद सदस्यों और मुख्यमंत्रियों समेत विभिन्न गणमान्य व्यक्तियों को संबोधित करते हुए कहा कि अनेकता में एकता भारत की ताकत है। नए राष्ट्रपति ने संसद के केंद्रीय कक्ष में आयोजित समारोह में प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति जे.एस. केहर द्वारा पद की शपथ दिलाए जाने के बाद कहा, "हम सभी अलग हैं फिर भी एक और एकजुट हैं। ये हमारे पारंपरिक मूल्य हैं। इसमें न कोई विरोधाभास है और न ही किसी तरह के विकल्प का प्रश्न उठता है।" उन्होंने प्राचीन भारत के ज्ञान और आधुनिक विज्ञान को साथ लेकर चलने की जरूरत पर बल देते हुए कहा, "हमें तेजी से विकसित होने वाली एक मजबूत अर्थव्यवस्था, एक शिक्षित, नैतिक और साझा समुदाय, समान मूल्यों वाले और समान अवसर देने वाले समाज का निर्माण करना होगा। एक ऐसा समाज, जिसकी कल्पना महात्मा गांधी और दीन दयाल उपाध्याय जी ने की थी। (PTI) -
शपथ ग्रहण किए जाने के बाद जैसे ही राष्ट्रगान बजाया गया, इसके तुरंत बाद भारत माता की जय और जय श्री राम के नारे लगाए गए। यह पहली बार नहीं है जब संसद भवन में जय श्री राम का नारा लगाया गया हो। इससे पहले जब भाजपा सदस्यों ने प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद नरेंद्र मोदी का स्वागत समारोह किया था, उस दौरान भी ऐसी नारेबाजी की गई थी। उस समय जय श्री राम के साथ मोदी-मोदी के भी नारे लगे थे।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सोमवार को कहा कि भारत की आत्मा बहुलवाद व सहिष्णुता में बसती है और हमें अपने जन संवाद को शारीरिक और मौखिक सभी तरह की हिंसा से मुक्त करना होगा। राष्ट्र को संबोधित अपने विदाई संदेश में उन्होंने कहा कि समावेशी समाज का निर्माण विश्वास का एक विषय होना चाहिए। उन्होंने अहिंसा की शक्ति को पुनर्जीवित करने का आह्वान किया। राष्ट्रपति ने कहा, "मैं आपके साथ कुछ सच्चाइयों को साझा करना चाहूंगा, जिन्हें मैंने इस अवधि के दौरान आत्मसात किया है। भारत की आत्मा, बहुलवाद और सहिष्णुता में बसती है। भारत केवल एक भौगोलिक सत्ता नहीं है। इसमें विचारों, दर्शन, बौद्धिकता, औद्योगिक प्रतिभा, शिल्प, नवान्वेषण और अनुभव का इतिहास शामिल है। सदियों के दौरान, विचारों को आत्मसात करके हमारे समाज का बहुलवाद निर्मित हुआ है। हमें सहिष्णुता से शक्ति प्राप्त होती है। यह शताब्दियों से हमारी सामूहिक चेतना का अंग रही है।" उन्होंने कहा कि संस्कृति, पंथ और भाषा की विविधता ही भारत को विशेष बनाती है। -
कोविंद को राष्ट्रपति बॉडीगार्ड की मौजूदगी में प्रसिद्ध बग्घी पर सवार होकर दोनों नेता राष्ट्रपति भवन पहुंचे। जहां एक ओर नए राष्ट्रपति को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया तो वहीं दूसरी ओर यहां पर पहले से ही उपस्थित पूरी कैबिनेट नए राष्ट्रपति की आगवानी की और उनको 21 तोपों की सलामी दी। (PTI)
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पारंपरिक अंदाज में राष्ट्रपति भवन की ओर जाते कोविंद। (PTI)
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नवनिर्वाचित राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने मंगलवार को राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। काले रंग का सफारी सूट पहने कोविंद के साथ उनकी पत्नी भी थीं। उन्होंने राष्ट्रपिता को पुष्पांजलि अर्पित की। कोविंद (71) को गांधीजी का एक स्मृति चिन्ह भी भेंट किया गया। (PTI)
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प्रेसीडेंट भवन के बाहर पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और नवनिर्वाचित राम कोविंद। (PTI)
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कोविंद के शपथ ग्रहण में आए उनके परिजन। (PTI)
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कोविंद को बधाई देतीं मीरा कुमार। (PTI)
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राष्ट्रपति भवन के बाहर कोविंद का स्वागत करते अमित शाह और नरेंद्र मोदी। (PTI)
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शपथ ग्रहण समारोह से पहले राष्ट्रपति भवन में आए कोविंद को सोफा पर बैठने के लिए कहते प्रणब मुखर्जी। (PTI)
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कोविंद और उनकी पत्नी सविता को बधाई देते प्रणब मुखर्जी।
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14 वे राष्ट्रपति को प्रेसीडेंट भवन के कुछ तस्वीरों के बारे में बताते प्रणब मुखर्जी। (PTI)
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राष्ट्रपति भवन में प्रणब मुखर्जी और नाम नाथ कोविंद। (PTI)
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इसी दौरान प्रणब मुखर्जी का विदाई समारोह भी आयोजित किया गया था। उन्हें भी सम्मान दिया गया।