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नए निवेश की कमी के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था कम रोजगार सृजन के साथ आगे बढ़ रही है और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस या आईओटी जैसी नई टेक्नॉलोजी के उभरने के कारण अपने कामों पर बदलाव की तैयारी कर रही है, लेकिन परंपरागत रूप से मांग में आने वाली कुछ नौकरियां उनके पास जारी रहती हैं भले ही उन कुछ भूमिकाओं में अब कौशल का काफी नया तरीका जरूरी हो।
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चीफ रिस्क ऑफिर की मार्केट मे डिमांड रही है। ऑर्गेनाइजेशन अपनी रिस्क मैनेजमेंट टीम के लिए मिड सीनियर और सीनियर लेवल के प्रॉफेशनल के लिए 75 लाख रुपये से लेकर 3 करोड़ रुपये तक की सैलरी देते हैं।
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चीफ फाइनैंशल ऑफिसर का काम किसी भी ऑर्गेनाइजेशन में होने वाली फाइनैंशल गतिविधि को सही तरीके से चलाना है। इनकी सैलरी भी कंपनी के हिसाब से होती है। किसी बड़ी ऑर्गेनाइजेशन में एक सीएफओ की सैलरी 3-4 करोड़ रुपए के करीब होती है।
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रिसर्च एंड डिवेलपमेंट हैड का किसी कंपनी में बहुत अहम रोल होता है। आर एंड डी डिपार्टेमेंट कंपनी के नए प्रॉडक्ट मार्केट में लाकर लंबे समय तक कंपनी को बनाए रखता है। एक बड़ी कंपनी में आर एंड डी हैड की सैलरी 2-4 करोड़ रुपए के करीब होती है।
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प्रतीकात्मक तस्वीर।
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सीआईओ की डिमांड टैक्सटाइल, पावर, लॉजिस्टिक और ऑटोमेटिव में ज्यादा डिमांड होती है। एक सीआईओ की औसत सैलरी 75 लाख रुपए से लेकर 1.5 करोड़ रुपए के करीब होती है।
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कंपनी सेक्रेटरी भी सीईओ और सीएफओ की तरह ही डिमांड में हैं। यह भी किसी कंपनी का अहम पद होता है। किसी बड़ी कंपनी के कंपनी सेक्रेटरी की औसत सैलरी 75 लाख रुपए से लेकर 2 करोड़ रुपए तक होती है।
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कानून के जानकारों को भी इंडस्ट्री में अच्छी खासी सैलरी मिल जाती है। यहां जितना ज्यादा अनुभव होता है सैलरी उतनी ही ज्यादा होती जाती है। 14 से 16 साल का एक्सीपिरियंस होने के बाद सैलरी 75 से 1.25 करोड़ तक हो जाती है, वहीं एक बड़ी कंपनी में सैलरी 3 से 4 करोड़ रुपए के करीब होती है।
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चीफ प्रॉडक्ट ऑफिसर की कंपनी में बहुत डिमांड रहती है। इंडियन स्टार्ट्अप्स में इनकी अच्छी खासी डिमांड हो रही है। इनके ऊपर किसी कंपनी के प्रॉडक्ट की पूरी जिम्मेदीरी होती है। इनकी सैलरी 1.25 करोड़ रुपए से लेकर 5 करोड़ रुपए तक होती है।
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साइबर एंड इन्फोर्मेशन सिक्योरिटी प्रॉफेशनल की पूरी दुनिया में डिमांड है। इंटरनेट का लगातार विस्तार हो रहा है तो इनकी डिमांड भी बढ़ती जा रही है। हर सेक्टर में इनकी डिमांड हो रही है। इनकी सैलरी करीब 25 लाख रुपये से लेकर 1.25 करोड़ रुपये तक होती है।
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चीफ ऑडिट एग्जीक्यूटिव (CAE) किसी एंटरप्राइजेज के रिस्क को भी मैनेज करता है। CAE कंपनी के सीईओ, सीएफओ और ऑडिट कमेटी के साथ मिलकर काम करता है। बड़ी कंपनी में इनकी सैलरी करीब 1.5 करोड़ रुपए से लेकर 2.5 करोड़ रुपए के बीच होती है।
