क्रिकेट की दुनिया में कैप्टन कूल के नाम से मशहूर हो चुके महेंद्र सिंह धोनी आज अपना 36वां जन्मदिन मना रहे हैं। आज जिस मुकाम धोनी हैं ये उनकी मेहनत और लगन है। धोनी टीम इंडिया के सबसे कूल और एक सफल कैप्टन रह चुके हैं। 2004 से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखने वाले माही आज किकेट की बुलंदियों पर है। धोनी ने यहां तक पहुंचने का सपना बचपन में ही तय कर लिया था। धोनी का जन्म 7 जुलाई 1981 को झारखंड की राजधानी रांची में हुआ था। हाल ही धोनी की वेडिंग एनीवर्सरी भी बीती है। धोनी क्रिकेट की हर भूमिका में फिट बैठते हैं फिर चाहे वो बैटिंग हो, विकेटकीपिंग हो या फिर कैप्टेंसी। आज आपको धोनी से जवाहर विद्यालय के क्रिकेट मैदान से लेकर आज के मुकाम तक की कहानी के बारे में बता रहे हैं। -
धोनी 2001 से 2003 तक धोनी खड़गपुर के स्टेडियम में क्रिकेट खेला करते थे। इसके बाद उनके परिवार ने उन्हें जॉब करने के लिए फोर्स किया। वे 22 साल की उम्र में धोनी रेलवे की नौकरी करने खड़गपुर चले गए। जहां पर वे परिवार के कहने पर नौकरी तो करने लगे लेकिन उनका मन क्रिकेट की दुनिया में ही अटका रहता था। उन्हें नौकरी करने में मन ही नहीं करता था। लिहाजा उन्होंने खड़गपुर में क्रिकेट पिच बनाई और खेलना शुरु कर दिया। धोनी वहां रेलवे की टीम के लिए खेला करते थे।
धोनी बचपन से ही नेशनल लेवल का क्रिकेटर बनना चाहते थे। धोनी 3 दिसंबर 2004 को बांग्लादेश के क्रिकेट मैदान पर अपने करियर की शुरूआत की थी, जहां पर पहले ही मैच में बिना खाता खोले रनआउट हो गए। उस वक्त किसी को उम्मीद नहीं थी कि धोनी आज का मुकाम हासिल कर पाएंगे। लेकिन उन्हें दूसरों पर नहीं बल्कि खुद पर भरोसा था। 1998 में महेंद्र सिंह धोनी को सीसीएल यानी सेंट्रल कोल लिमिटेड ने अपनी टीम में शामिल किया था, जहां पर उन्हें 2200 रुपए महीने स्टाइपेंड दिया जाता था। लेकिन एक बढ़िया प्लेयर और मैचविनर होने के नाते उन्हें बाकी दूसरे खिलाड़ियों ने उन्हें 200 रुपए ज्यादा स्टाइपेंड दिया था। -
धोनी मैदान में दिमाग ठंडा रखते हैं, इसलिए कप्तान कूल कहलाते हैं लेकिन मैदान पर जिस वक्त उनका दिमाग फिर जाए तो सारी समस्या बल्ले से जवाब देते हैं। धोनी की क्रिकेट की दुनिया हेलीकॉप्टर शॉट के लिए फेमस हैं। धोनी एक ऐसे क्रिकेटर हैं जो 162 मीटर से लेकर 120 मीटर लंबे ताबड़तोड़ छक्के मारते हैं। हेलीकॉप्टर शॉट के लिए धोनी काफी मशहूर हैं।
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वे कई बार ऐसा शॉट देने के लिए मैदान दूसरे क्रिकेटर्स को भी सुझाव देते हैं।
धोनी मैदान में दिमाग ठंडा रखते हैं, इसलिए कप्तान कूल कहलाते हैं लेकिन मैदान पर जिस वक्त उनका दिमाग फिर जाए तो सारी समस्या बल्ले से जवाब देते हैं। धोनी की क्रिकेट की दुनिया हेलीकॉप्टर शॉट के लिए फेमस हैं। धोनी एक ऐसे क्रिकेटर हैं जो 162 मीटर से लेकर 120 मीटर लंबे ताबड़तोड़ छक्के मारते हैं। हेलीकॉप्टर शॉट के लिए धोनी काफी मशहूर हैं। वे कई बार ऐसा शॉट देने के लिए मैदान दूसरे क्रिकेटर्स को भी सुझाव देते हैं। -
धोनी की कैप्टेंसी की बदौलत टीम इंडिया 2011 के बाद भारत की एक सक्सेजफुल और सर्वश्रेष्ठ टीम बन गई थी। हर किसी को हमारे क्रिकेटर्स पर गर्व होता है। क्योंकि यही वो साल था जब भारत ने विश्व कप जीता था। धोनी पर सचिन को भी गर्व होता है। इस दौरान उन्होंने अपना सिर मुंडवाया था।
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3 साल पहले 30 दिसंबर 2014 को धोनी ने टेस्ट टीम से संन्यास ले लिया था और कोहली को कप्तान बनाया गया।
धोनी ने भारत के लिए 90 टेस्ट मैच खेले। उन्हीं की कप्तानी में भारतीय टीम टेस्ट में दुनिया की नंबर एक टीम बनी। 3 साल पहले 30 दिसंबर 2014 को धोनी ने टेस्ट टीम से संन्यास ले लिया था और कोहली को कप्तान बनाया गया। धोनी ने भारत के लिए 90 टेस्ट मैच खेले। उन्हीं की कप्तानी में भारतीय टीम टेस्ट में दुनिया की नंबर एक टीम बनी। धोनी ने अब तक 199 वनडे और 72 टी-20 मैचों में कप्तानी की। रिकी पोंटिंग और स्टेफिन फ्लेमिंग के बाद धौनी एकलौते ऐसे खिलाड़ी है, जिन्होंने अपने देश के लिए सबसे ज्यादा वनडे मैचों के लिए कप्तानी की। टीम इंडिया को आईसीसी के तीनों बड़े खिताब दिलाने वाले अकेले कप्तान हैं। अपने स्कूली दिनों में धोनी स्कूल की फुटबॉल टीम में बतौर गोलकीपर खेला करते थे। -
4 जुलाई 2010 को धोनी साक्षी संग शादी के बंधन में बंधे।
वे एक बेटी के पिता हैं, जिसका नाम जीवा है। जीवा भी अपने पिता से ज्यादा सुर्खियों में रहती हैं। -
करीब 2 साल पहले धोनी पीटीएस यानी पैरा ग्लाइडिंग तथा स्काई डाइविंग आगरा में इंडियन आर्मी की कड़ी ट्रेनिंग लेकर पैराशूट जम्पिंग भी कर चुके हैं। इसी के साथ धोनी एक कामयाब पैराशूट जंपर भी बन गए हैं।
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इस दौरान उन्हें सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल के मानद पद से सम्मानित किया था। इस दौरान धोनी सुबह चार बजे उठते थे, सेना के मेस का भोजन खाते थे और शाम को फौजियों के साथ परेड भी करते थे।