-
CH-47F (I) Chinook: अमेरिका में निर्मित भारी वजन उठाने में सक्षम चार चिनूक (CH-47F (I) Chinook) हेलीकॉप्टर 25 मार्च को हमारी भारतीय वायुसेना में शामिल किए गए। हेलीकॉप्टरों को विमान बेड़े में शामिल करने के बाद, वायुसेना प्रमुख बी एस धनोआ ने कहा कि ‘चिनूक’ को शामिल करना उसी तरह से पासा पलटने वाला साबित होगा जैसा कि लड़ाकू विमानों के बेड़े में राफेल के आने के बाद होने वाला है। बता दें कि चार ‘15 सीएच-47एफ(आई)’ चिनूक हेलीकॉप्टरों को वायुसेना की 126 हेलीकॉप्टर इकाई में शामिल किया गया। सितंबर 2015 में बोइंग कंपनी को इन हेलीकॉप्टरों के निर्माण का ऑर्डर दिया गया था। दो इंजन और टैंडेम रोटर वाले ‘चिनूक’ हेलीकॉप्टर सैनिकों, विस्फोटक सामग्री, हथियार और ईंधन लाने ले जाने में सक्षम हैं। ये हेलीकॉप्टर न केवल दिन में बल्कि रात में भी सैन्य अभियान चला सकते हैं। देश में किसी भी आपदा के समय चिनूक अपनी भूमिका निभाने में सक्षम है। जानिए इस हेलिकॉप्टर की खूबियां, साथ ही जानें कितने पायलटों ने लिया इसे उड़ाने का प्रशिक्षण और कैसा रहा उनका अनुभव। (All Pics- Indian Airforce Official)
-
चिनूक के बारे में वायुसेना चीफ बीएस धनोआ का कहना है कि ''हमारे देश के समक्ष सुरक्षा संबंधी कई चुनौतियां हैं, हमें विभिन्न क्षेत्रों में अधिक भार क्षमता की जरूरत है।'' उन्होंने कहा, ''वायुसेना समुद्र स्तर से लेकर बहुत अधिक ऊंचे लैंडिंग ग्राउंड वाले सैन्य अड्डों से संचालित होती है। चिनूक हेलीकॉप्टर ऊंचे स्थलों तक सामान ले जाने की क्षमता के संदर्भ में वायुसेना को बड़ी मदद देंगे। यह हेलीकॉप्टर अपनी श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ में से एक है।''
चिनूक की यह भी खासियत है कि यह बारिश, सर्दी या नमी यानी हर तरह के मौसम में उड़ान भरने के लिए सक्षम है। अपनी इसी क्षमता के कारण यह हेलीकॉप्टर मानवीय एवं आपदा राहत अभियानों व राहत आपूर्ति लाने ले जाने एवं बड़े स्तर पर शरणार्थियों के विस्थापन जैसे मिशनों में इस्तेमाल हो सकता है। -
जानकारी के लिए आपको बता दें कि वायुसेना के बेड़े में शामिल होने से पहले 'चिनूक' उड़ाने के लिए भारतीय वायुसेना के 12 पायलट और 12 ही उड़ान इंजीनियर अमेरिका में विशेष प्रशिक्षण लेकर आए यहां आए हैं।
-
वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि एक ही इकाई में मिग-26 हेलीकॉप्टर और ‘चिनूक’ के होने से इस इकाई को बेहतरीन वायु क्षमता प्राप्त होगी जो सीधे तौर पर भारतीय सैन्य बलों की अभियान संबंधी तैयारियों और क्षमता को सकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा।
-
हेलीकॉप्टर उड़ाने के लिए अमेरिका में विशेष प्रशिक्षण लेकर आए वायुसेना पायलट अनुपम यादव ने कहा, ''वायुसेना में शामिल यह पहला टैंडेम रोटर हेलीकॉप्टर है, इसकी उड़ान संबंधी कुशलताएं हमारे लिए नयी हैं।''
-
प्रशिक्षित पायलट अनुपम ने कहा कि चिनूक की ट्रेनिंग के दौरान बोइंग के अनुभवी पायलटों ने सभी भारतीय पायटलों की मदद की है।
-
भारतीय पायलट का कहना है कि बोइंग के पायलटों के पास परिचालन संबंधी अनुभव काफी है, क्योंकि वे अफगानिस्तान एवं इराक में तैनात रहे हैं।
-
CH-47F (I) Chinook हेलीकॉप्टर दिन के साथ रात में भी सैन्य अभियान चलाने में सक्षम है।
-
अमेरिकी पायलट से प्रशिक्षण लेते भारतीय पायलट।