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देश की राजनीति के दिग्गज पूर्व पीएम अटल बिहारी बाजपेयी की को हमने खो दिया हैष भारतीय जनता पार्टी के 93 वर्षीय दिग्गज नेता को किडनी ट्रैक्ट इंफेक्शन, यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन, पेशाब आने में दिक्कत और सीने में जकड़न की शिकायत के बाद 11 जून को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, दिल्ली (एम्स) में भर्ती कराया गया था। उनकी हालत गंभी थी इसलिए उन्हें जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया था। उन्हें देखने के लिए देश के तमाम राजनीतिज्ञों का एम्स में कल से आना-जाना लगा हुआ है। पीएम मोदी भी स्वतंत्रता दिवस के संबोधन के बाद उन्हें देखने पहुंचे थे और आज उनके जाने से पह पूरी तरह से स्तब्ध हैं। यहां हम आपको अटल के जीवन से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में बता रहे हैं। यकीनन अगर आप भी उनके व्यक्तित्व को पसंद करते हैं तो आपको उनके बारे में ये बातें जाननी जरूरी हैं। (All PHOTO- Express Archives)
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वह देश के तीन बार पीएम चुने गए थे।
वह एक बेहतरीन नेता, पत्रकार, कवि और एक प्रखर वक्ता रहे थे। देश की महान हस्तियों में अटल जी का नाम आता है। वह हमारे देश के महापुरुषों में से एक हैं। 16 मई से 1 जून 1996 तक और इसके बाज 19 मार्च 1998 से 22 मई 2004 तक वह देश के पीएम रहे। उनकी राजनीति के किस्से कई विरोधियों को भी पसंद आती है। यही वजह है कि आज उनके ठीक होने की सभी लेफ्ट पार्टियों के सदस्य भी प्रार्थना करते रहे। उनके द्वारा कही गई इस टिप्पणी में उन्होंने एक ऐसे भारत का सपना देखा था जो हर तरह से संपन्न हो। अटल ने एक बार अपनी टिप्पणी में कहा था "भारत को लेकर मेरी एक दृष्टि है- ऐसा भारत जो भूख, भय, निरक्षरता और अभाव से मुक्त हो।" वह जीवन भर राजनीति में अपना योगदान देते रहे। इसके अलावा उन्होंने लम्बे समय तक राष्ट्रधर्म, पाञ्चजन्य और वीर अर्जुन आदि राष्ट्रीय भावना से ओत-प्रोत अनेक पत्र-पत्रिकाओं का सम्पादन भी किया। उन्होंने अपना जीवन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक के रूप में आजीवन अविवाहित रहने का संकल्प लिया था और देश के सर्वोच्च पद पर पहुंचने तक उस संकल्प को पूरी निष्ठा से निभाया। -
वाजपेयी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के पहले प्रधानमन्त्री थे जिन्होंने गैर कांग्रेसी प्रधानमन्त्री पद के 5 साल बिना किसी समस्या के पूरे किए। उन्होंने 24 दलों के गठबंधन से सरकार बनाई थी जिसमें 81 मन्त्री थे। कभी किसी दल ने आनाकानी नहीं की। इससे उनकी नेतृत्व क्षमता का पता चलता है।
19 फरवरी 1999 को सदा-ए-सरहद नाम से दिल्ली से लाहौर तक बस सेवा शुरू की गई। इस सेवा का उद्घाटन करते हुए प्रथम यात्री के रूप में वाजपेयी जी ने पाकिस्तान की यात्रा करके नवाज शरीफ से मुलाकात की और आपसी संबंधों में एक नयी शुरुआत की। -
अपने राजनीति में रहते हुए उन्होंने 100 साल से भी ज्यादा पुराने कावेरी जल विवाद को सुलझाया।
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अपने राजनीतिज्ञ जीवन में वह आडवाणी के बेहद करीब रहे।
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आडवाणी और अटल राजनीति के अलावा निजी लाइफ में भी काफी अच्छे दोस्त रहे हैं।
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कई मौकों पर दोनों को साथ देखा जाता था।
प्रधानमंत्री मोदी और अटल जी के संबंधों के बारे में आज सभी जानते ही हैं। वाजपेयी जी की सेहत को लेकर हमेशा ही मोदी जी भावुक हो जाते हैं। पीएम मोदी, अटल जी को अपना गुरू मानते हैं। वह कहीं भी हों अगर उन्हें अटल जी सेहत को लेकर खबर मिले तो वह तुरंत उनके पास पहुंच जाते हैं। -
एक बार की बात है कि जब अटल जी मोदी जी को दिल्ली छोड़ने का हुक्म दिया था। बात 2001 की है जब अटल ने अचानक मोदी को अपने घर बुलाया और कहा कि तुम दिल्ली छोड़ दो। तब मोदी जी सहमकर बोले, क्यों और कहां जाऊं। तो अटल जी बोले तुम यहां रहकर पंजाबी खाना खाकर मोटे हो गए हो इसलिए गुजरात जाओ। बाद में मोदी जी बोलते कि मैं 6 साल से यहां रह रहा हूं वहां के तमाम मुद्दों से दूर हूं। बाद में अटल जी बोले तुम वहां जाओ और चुनाव लड़ो। गुजरात पहुंचे तो मोदी को पता चला कि उन्होंने गुजरात उन्हें सीएम बनने के लिए भेजा था।
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अटल बिहारी एक ऐसे नेता रहे हैं जो सबसे लम्बे समय तक सांसद रहे हैं और जवाहरलाल नेहरू व इंदिरा गांधी के बाद सबसे लम्बे समय तक गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री भी। वह अपनी जनता के बीच बेहद लोकप्रिय नेता रहे जो कि सभी की समस्याओं को सुनते ही अमल करते थे।
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अटल बिहारी वाजपेयी राजनीतिज्ञ होने के साथ-साथ एक कवि भी हैं। मेरी ''इक्यावन कविताएं'' अटल जी का प्रसिद्ध काव्यसंग्रह है। वाजपेयी जी को काव्य रचनाशीलता एवं रसास्वाद के गुण विरासत में मिले हैं। अटल जी को कविता का ज्ञान विरासत में मिला था, क्योंकि उनके पिता कृष्ण बिहारी वाजपेयी ग्वालियर रियासत में अपने समय के जाने-माने कवि थे। वे ब्रजभाषा और खड़ी बोली में काव्य रचना करते थे। पारिवारिक वातावरण साहित्यिक एवं काव्यमय होने के कारण उनकी रगों में काव्य रक्त-रस समाया हुआ था। जो हर समय हर माहौल पर एक कविता पेश किया करते थे। उनकी सर्व प्रथम कविता ताजमहल थी।
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अटल जी कि कविताओं पर जाने-माने दिवंगत गजलकार और सिंगर जगजीत सिंह ने अटल जी की चुनिंदा कविताओं को म्यूजिकल एलबम के जरिए पेश भी किया था। कई बार वह अपनी कविताएं जनता को संभोधित करते हुए भी सुनाया करते थे। हालांकि वह स्वास्थ कारणों से पिछले काफी सालों से राजनीति में सक्रीय नहीं है।
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अटल बिहारी वाजपेयी राजनीतिज्ञ होने के साथ-साथ एक कवि भी हैं। मेरी ''इक्यावन कविताएं'' अटल जी का प्रसिद्ध काव्यसंग्रह है। वाजपेयी जी को काव्य रचनाशीलता एवं रसास्वाद के गुण विरासत में मिले हैं।
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अटल जी अपनी जनता के बीच काफी लोकप्रिय नेता रहे।
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रामभद्राचार्य जी के साथ अटल जी।
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बाल ठाकरे के साथ अटल बिहारी।