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जापान में 5 जुलाई से हो रही बारिश भले ही रुक गई हो लेकिन मृतकों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है। हाल ही खबर आई है कि जापान में रिकॉर्ड तोड़ बारिश के बाद आई विनाशकारी बाढ़ से मृतकों की संख्या बढ़कर 141 हो गई है जबकि 27 लापता हैं। हाल ही में दमकल और आपदा प्रबंधन एजेंसी ने बताया कि बारिश के रुकने के बाद आपातकाल चेतावनी हटा ली गई है। फिलहाल पुलिस, दमकल और सेना प्रभावित इलाकों पर सफाई कर रही है और उन लोगों का पता लगा रही है जो लापता हैं। प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने आपदा मोचन बल के साथ बैठक में कहा,"हम स्थानीय सरकार के साथ समन्वय कर आपदा पीड़ितों के बीच जरूरी सामानों को वितरित करने के लिए काम करेंगे। बारिश के बाद हुई तबाही के मंजर का अंदाजा आप इन तस्वीरों को देखकर लगा सकते हैं कि इस वक्त जापान के लोग किन हालातों से गुजर रहे हैं। (All Photos- REUTERS)
इस बारी बारिश और बाढ़ में हजारों घर क्षतिग्रस्त हो गए। इसके साथ ही यहां पर करीब 17,000 घरों की बिजली गुल हो गई है और कई इलाकों में फोन लाइन भी डाउन हैं। -
भारी बारिश से नदियां उफान पर हैं, भूस्खलन हो रहे हैं, जिससे इमारतें नष्ट हो गईं और पानी के तेज बहाव में कारें बह गई हैं। बारिश से लोगों के जान-माल की बेहद हानि हुई है।
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इस स्थिति को देखते हुए 20 लाख लोगों को अपने घर छोड़कर सुरक्षित ठिकानों पर जाने को मजबूर होना पड़ा है।
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बारिश के चलते आई बाढ़ से कई बच्चे अनाथ हो गए हैं। प्रशासन की ओर से खोए हुए बच्चे और पेरेंट्स की खोज की जा रही है।
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स्थानीय मीडिया के मुताबिक बड़ी संख्या में लोग लापता हैं। हालांकि राहत बचाव कार्य जोर-शोर से जारी है।
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अधिकारियों ने बयान जारी चेतावनी दी है कि भारी बारिश की वजह से पहाड़ी क्षेत्रों की जमीन ढीली हो गई है जिससे लोगों पर एक और नया खतरा मढ़रा सकता है।
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भारी बारिश से मची तबाही के चलते बाढ़ और भूस्खलन में फंसे लोगों की मदद के लिए 70 हजार से ज्यादा आपातकालीन कर्मचारियों को तैनात किया गया है।
जापान सरकार के प्रवक्ता योशिहिदे सुगा ने बताया कि पुलिस, फायर ब्रिगेड और सेना के करीब 73,000 जवान राहत और बचाव कार्यों में जुट हैं। राहत और बचाव अभियान में 700 हेलिकॉप्टरों की मदद भी ली जा रही है। -
हालांकि अब यहां बारिश रुक गई है जिसके चलते आसमान साफ दिखाई दिया और राहत बचाव कार्य जारी है।
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सेना के लोग धीरे-धीरे लापता लोगों को निकाल रहे हैं।
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बारिश भले ही रुक गई हो लेकिन तबाही के मंजर साफ नजर आ रहा है।
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बाढ़ और भूस्खलन के चलते राहतकर्मियों को अभियान चलाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। जैसा कि आप तस्वीरों में देख सकते हैं कि कितनी मुश्किलों में ये जवान लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रहे हैं।
माज्दा मोटर कॉर्प ने बताया कि उसे सोमवार को हिरोशिमा स्थित मुख्यालय बंद करना पड़ा। इसके कई प्लांटों में उत्पादन पिछले सप्ताह ही बंद किया जा चुका है। पानी भर जाने के चलते पैनासोनिक कंपनी ने एक प्लांट में उत्पादन बंद कर दिया है। -
इस बाढ़ की वजह से सबसे ज्यादा मौतें हिरोशिमा में हुई हैं
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जापान में उम्रदराज लोगों के लिए यह घड़ी और भी मुश्किलें पैदा करने वाली है।
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इस समय के चेहरे पर बारिश का खौफ और अपनों से पिछड़ने का दुख है।
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विकसित देश जापान हर साल ही ऐसी तबाही आती है जो न जाने कितने ही दिलों के दर्द को बढ़ा जाती है।
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कुछ लोगों इस तरह से बाहर निकाला जा रहा है।
