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आरजेडी प्रमुख लालू यादव भारतीय राजनीति में अपनी एक अलग ही पहचान रखते है। भारतीय राजनीति में इस लोकप्रिय नेता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकताहै। अपने मजाकिया अंदाज की वजह से उनकी चर्चा दुनियाभर में आज भी होती है. संसद से लेकर सड़क तक उन्होंने अपनी एक अनूठी छाप छोड़ी है। लालू ने अपने राजनीतिक जीवन में कई उतार चढ़ाव देखे हैं। जयप्रकाश नारायण के बिहार छात्र आंदोलन में लालू यादव की भूमिका ने उन्हें मुख्यधारा की राजनीति में आने का मौका दिया। 1977 में इमरजेंसी के बाद लालू एक बड़े नेता के तौर पर उभरे थे. तस्वीरों में देखें उनके सियासी सफर की कहानी।
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लालू प्रसाद यादव का जन्म 11 जून 1948 को बिहार के गोपालगंज में हुआ था। लालू यादव के राजनीतिक सफर की शुरूआत 1970 में छात्र नेता के तौर पर हुई। छात्र राजनीति के बाद 1977 में लालू ने पहली बार चुनाव लड़ा और 29 साल की उम्र में लोकसभा का चुनाव जीतकर संसद पहुंचे।लालू यादव 1980 में जनता पार्टी से अलग हो गए और वीपी सिंह की अगुवाई वाले जनता दल से जुड़े। साल 1990 के चुनाव में जनता दल ने बिहार विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत दर्ज की और लालू को बिहार की कमान सौंपी गई। लालू 1990 से 1997 तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे।
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चारा घोटाले में घिरने पर लालू ने जनता दल से अलग होकर अपनी पार्टी आरजेडी बनाई और पत्नी राबड़ी देवी को सीएम बनाया। इसके बाद यूपीए सरकार में लालू 2004 से 2009 तक केंद्र में रेल मंत्री भी रहे। रेल मंत्री के तौर पर लालू ने रेलवे को जबरदस्त मुनाफे में पहुंचाया था। लालू के रेल मंत्री रहते रेलवे को 2.50 बिलियन रूपये का मुनाफा हुआ था।
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लालू ने 2009 में आखिरी बार लोकसभा चुनाव लड़ा। इस वक्त लालू ने सारण और पाटलीपुत्र दो लोकसभा सीटों से चुनाव लड़ा था। लालू ने सारण सीट से जीत दर्ज की थी जबकी पाटलीपुत्र से वो अपने पुराने साथी रंजन यादव से हार गए थे।
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साल 2013 में चारा घोटाले में सजा होने के बाद लालू के चुनाव लड़ने पर 11 साल के लिए रोक लगा दी गई। इसके बाद, साल 2015 में लालू-नीतीश साथ आए और महागठबंधन को बिहार में बड़ी जीत मिली लेकिन बाद में नीतीश ने एनडीए से हाथ मिला लिया।
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चारा घोटाले में दोषी पाए जाने के बाद लालू को सजा हुई और उन्हें जेल जाना पड़ा। मौजूदा वक्त में लालू सक्रिय राजनीति से दूर हैं. वो काफी लंबे समय से बीमार चल रहे हैं। (All Photos from Indian Express Archieves )