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थाईलैंड में मौजूद एक बौद्ध मंदिर से वन्यजीव अधिकारियों ने मंगलवार (31 मई) को 40 टाइगर्स को छुड़ाया है। इनको वहां पर कंचनबुरी नाम की जगह पर मौजूद बौद्ध मंदिर में रखा हुआ था। वन्यजीव अधिकारियों ने यह फैसला दुनिया भर से पड़ रहे दबाव ले बाद लिया। इस मंदिर पर जानवरों की तस्करी को बढ़ावा देने के आरोप लगे थे। यह मंदिर पिछले साल से शेयर हो रही इसकी फोटोज की वजह से लोगों की नजरों में आया था। (फोटो-Reuters)
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मंदिर ने अपने आपको एक वन्यजीव अभ्यारण्य घोषित कर रखा था, पर पिछले कुछ सालों से चल रही जांच में निकलकर आया कि यहां पर बंद जानवरों को तस्करी करके लाया जाता है और उनपर अत्याचार भी किया जाता है। इसके साथ ही वहां घूमने गए लोगों ने तो यहां तक कहा था कि सारे टाइगर देखने में ऐसे लगते थे जैसे उन्हें नशा दिया गया हो। (फोटो-Reuters)
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टाइगर को छुड़ाने के लिए वन्यजीव अधिकारी 2001 से कोशिश कर रहे थे जिसमें अब जाकर सफलता मिली है। (फोटो-Reuters)
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इस कार्रवाई के डिप्टी डायरेक्टर जनरल अडिर्सन ने बताया कि इस काम को उन्होंने सर्च वारेंट हासिल करके किया था। जो की उन्हें रेड मारने से कुछ घंटे पहले ही मिला था। (फोटो-Reuters)
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इससे पहले की गई सारी कोशिशें सर्च वारेंट के ना होने की वजह से ही असफल रही थीं। अडिरसन ने माना कि इंटरनेशनल प्रेशर की वजह से भी इस बार सर्च वारेंट मिलने में आसानी हुई। (फोटो-Reuters)
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अधिकारियों ने 7 टाइगर्स को सोमवार को निकाला था और 33 को मंगलवार को। अभी वहां 97 और टाइगर बचे हैं। (फोटो-Reuters)
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अधिकारी इन टाइगर्स को राज्य की वाइल्ड लाइफ सेंचुरी को दे देंगे। वहां पर 6 हॉर्नबिल भी मिले हैं, पक्षियों की यह प्रजाति कम ही देखने को मिलती है। (फोटो-Reuters)
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इससे पहले जब भी जांच के लिए अधिकारियों ने जाने की कोशिश की तो वहां के मठाधीशों ने उनका रास्ता रोक लिया। (फोटो-Reuters)
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थाईलैंड में साल 2015 में ही जानवरों की रक्षा के लिए नए नियम लागू किए गए थे, पर इस मंदिर ने उनको नहीं माना। (फोटो-Reuters)
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फरवरी 2015 में ली गई फोटो। एक बौद्ध सन्यासी टाइगर को बोतल से पानी पिला रहा है। (फोटो-Reuters)