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बिग बॉस ओटीटी 2 विनर और मशहूर यूट्यूबर एल्विश यादव इन दिनों मुश्किलों में फंसे हुए हैं। उन पर नोएडा के सेक्टर 49 थाने में केस दर्ज है। 2 नवंबर को नोएडा पुलिस ने वन विभाग के साथ छापेमारी कर 5 लोगों को 9 सांपों के साथ गिरफ्तार किया है। नोएडा पुलिस ने रेव पार्टी में सांप के जहर के इस्तेमाल के मामले में FIR दर्ज की है।
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दरअसल, लोग सांपों के जहर का इस्तेमाल ड्रग्स में करते है। अब आपके मन में ये सवाल उठ रहा होगा कि जिस सांप के काटने से कुछ ही मिनटों में लोगों की मौत हो जाती है, उसका जहर लोग नशे में कैसे इस्तेमाल कर सकते हैं?
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बता दें, सांप के जहर का इस्तेमाल सिर्फ नशे के लिए ही नहीं बल्कि दवाइयों में भी किया जाता है। दर्द निवारक दवाओं के साथ-साथ इसका उपयोग कई बीमारियों में भी किया जाता है।
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ऐसे में लोगों ने धीरे-धीरे सांपों के जहर का इस्तेमाल नशे में करने लगे। सांप के जहर से बनने वाला नशा बाकी नशों से काफी अलग होता है। इसका नशा शराब और ड्रग्स की तुलना में बहुत तेजी से चढ़ता है और लंबे समय तक रहता है। यही वजह है कि सांपों की बड़े पैमाने पर तस्करी होती है।
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ज्यादातर सांप के जहर के नशे करने वाले लोग निम्न आय वर्ग से आते हैं जो महंगी ड्रग्स नहीं खरीद सकते। इसके लिए वे सपेरों के पास जाते हैं और उनसे सस्ते में जहर खरीद लेते हैं। इस जहर के आदी लोगों का दूसरा वर्ग उच्च समाज के लोग हैं जो रेव पार्टियों में जाते हैं और इसका नशा करते हैं।
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लेकिन आपको बता दें, सांप के जहर के नशे का इतिहास ईसा से 400 साल से भी ज्यादा पुराना है। सांपो के जहर का इस्तेमाल गुप्त साम्राज्य में चाणक्य ने विष कन्याओं को बाने से शुरू की थी। ये कन्याएं छोटी उम्र से ही सांप के जहर के संपर्क में लाई जाती थीं।
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छोटी उम्र से ही लगातार जहर का इस्तेमाल किए जाने पर उन पर यह बेअसर हो जाता था। लेकिन अगर दूसरा कोई इन कन्याओं के नजदी आने और संपर्क करने की कोशिश करता था जो उसकी मौत हो जाती थी। इन कन्याओं का इस्तेमाल तब शत्रुओं को मौत की नींद सुलाने के लिए होता था।
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वहीं, 1445 में जन्मे गुजरात के छठे सुल्तान महमूद बेगड़ा विष पुरुष के नाम से मशहूर थे। वे इतने जहरीले थे कि अगर कोई मच्छर उन्हें काट ले तो वो खुद ही मर जाता था। दरअसल, उनके शुभचिंतकों ने उन्हें दुश्मनों से बचाने के लिए बचपन से ही जहर देना शुरू कर दिया था, ताकि कभी कोई उन्हें जहर देकर मार न सके।
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बात करें, रेव पार्टियों में इस्तेमाल होने वाले सांप के जहर को प्रोसेस करके हल्का बनाया जाता है, जिससे नशा तो होता है लेकिन शरीर पर कोई साइड इफेक्ट नहीं होता। वहीं, एक दूसरा तरीका यह है कि व्यक्ति सांप को खुद को काटने के लिए मजबूर करता है। सांप को इस तरह से पकड़ा जाता है कि वह शरीर में ज्यादा जहर नहीं छोड़ता। लगातार जहर का सेवन करने से व्यक्ति के शरीर में एंटीबॉडीज बन जाती हैं जिससे सांप के जहर का उन पर कोई बुरा असर नहीं होता है।
(Photos Source: Pexels)
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