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लोकसभा चुनाव के दौरान हर पार्टी के नेता एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते दिखाई देते हैं। अपनी उपलब्धियां और दूसरी पार्टियों की नाकामियां गिनवाते हुए देश के नेता ऐसे-ऐसे विवादित बयान देते हैं जिससे न सिर्फ आचार सहिंता का उल्लघंन होता बल्कि वे अपनी दागदार इमेज के जरिए भी अपनी पहचान बनाते हैं। चुनावी प्रचार के दौरान देश के नेता भूल जाते हैं कि ऐसा कर वे लोकतंत्र की मान-मर्यादा पर भी कीचड़ उछालते हैं। कोई अपने विवादित बयानों के जरिए वोट मांगता है तो कोई चुनावी रैली में मस्जिद की गुंबद गिराकर गौरवान्वित महसूस करता है। यहां हम आपको हमारे देश के ऐसे ही दिग्गज नेताओं के बारे में बताने जा रहे हैं जो 2019 के लोकसभा चुनावों में अपने विवादित बयानों के जरिए चर्चा में रहे। ये वो नेता हैं जिनकी किस्मत का फैसला 23 मई को होना है, जिन्हें तमाम दफा चुनाव आयोग नोटिस थमा चुका है। (All Pics- PTI)
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बीजेपी की उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को हाल ही में चुनाव आयोग ने नोटिस दिया है। साध्वी पर आतंकवाद के आरोप लगे हैं। आयोग ने साध्वी प्रज्ञा को अयोध्या स्थित बाबरी मस्जिद की आखिरी गुंबद को तोड़ने के बयान पर नोटिस दिया है। ऐसा करने को लेकर प्रज्ञा खुद पर गौरवान्वित महसूस भी करती हैं। प्रज्ञा ने एक बयान जारी कर कहा- 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद को ध्वस्त करने वाले लोगों में से वह भी एक थीं। प्रज्ञा ठाकुर ने कहा था, 'बाबरी मस्जिद का ढांचा गिराने का अफसोस नहीं है, ढांचा गिराने पर तो हम गर्व करते हैं. हमारे प्रभु रामजी के मंदिर पर अपशिष्ट पदार्थ थे, उनको हमने हटा दिया। यह बयान उन्होंने भोपाल में एक कैंपेन के दौरान जारी किया था।
बीते सप्ताह ही कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू को भी चुनाव आयोग ने नोटिस थमाया है। आयोग ने सिद्धू को मुस्लिम मतदाताओं से एकजुट होकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हराने के लिए वोटिंग करने की अपील करने को लेकर कारण बताओ नोटिस जारी किया था। चुनाव आयोग ने कहा कि सिद्धू ने लोकसभा चुनाव के लिए लागू आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया है। सिद्धू ने राजनीतिक प्रचार के लिये धार्मिक संदर्भों के जिक्र पर उच्चतम न्यायालय की रोक की भी अवहेलना की है। ऐसी अपील के बाद सिद्धू के खिलाफ बिहार के कटिहार में भी एक FIR दर्ज की गई है। -
केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी को भी आयोग का नोटिस मिल चुका है। उन्हें मुस्लिमों पर बयान देने को लेकर आयोग ने नोटिस दिया है। बता दें मेनका गांधी ने मुस्लिम मतदाताओं से कहा था कि वे आगामी लोकसभा चुनाव में उनके पक्ष में मतदान करें क्योंकि मुसलमानों को चुनाव के बाद उनकी जरूरत पड़ेगी। मेनका ने मुस्लिम बहुल क्षेत्र तूराबखानी में आयोजिक चुनावी सभा में कहा था, ''मैं लोगों के प्यार और सहयोग से जीत रही हूं लेकिन अगर मेरी यह जीत मुसलमानों के बिना होगी तो मुझे बहुत अच्छा नहीं लगेगा।'' इसी बयान को लेकर मेनका गांधी को चुनाव आयोग ने नोटिस जारी किया था। इस रैली में भाजपा नेता ने कहा था कि इतना मैं बता देती हूं कि फिर दिल खट्टा हो जाता है। फिर जब मुसलमान आता है काम के लिए, फिर मै सोचती हूं कि नहीं रहने ही दो क्या फर्क पड़ता है। आखिर नौकरी भी तो एक सौदेबाजी ही होती है, बात सही है या नहीं?
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हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को भी चुनाव आयोग का नोटिस मिला है। चुनाव आयोग ने बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को उनकी कथित टिप्पणी के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि नरेंद्र मोदी सरकार ने एक नया कानून बनाया है जिसके तहत आदिवासियों को गोली मारी जा सकती है। उन्हें इससे पहले भी तमाम दफा आयोग के नोटिस मिल चुके हैं।
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यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ को भी चुनाव आयोग का नोटिस मिल चुका है। गुरुवार (3 मई) को चुनाव आयोग ने योगी के उस बयान को लेकर नोटिस जारी किया है जो उन्होंने19 अप्रैल को आयोजित एक रैली में दिया था। इस दौरान योगी ने कहा था, क्या आप देश की सत्ता आतंकवादियों को सौंप देंगे जो खुद को बाबर की औलाद बताते हैं। उनको जो बजरंगबली का विरोध करते हैं। इससे पहले भी उन्हें इडियन आर्मी को 'मोदी के सेना' कहने को लेकर नोटिस मिला था।
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पूर्वी दिल्ली से बीजेपी के उम्मीदवार गौतम गंभीर को भी चुनाव आयोग का नोटिस मिल चुका है। निर्वाचन अधिकारियों ने उन्हें कथित तौर पर एक अखबार में उनकी तस्वीर वाला विज्ञापन छपने पर आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के सिलसिले में कारण बताओ नोटिस जारी किया था।
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भड़काऊ बयानों के चलते सपा नेता आजम खान को तमाम दफा चुनाव आयोग का नोटिस मिल चुका है। उत्तर प्रदेश के रामपुर से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार आजम खान ने एक आपत्तिजनक बयान जारी किया था, जिसके चलते उन्हें नोटिस मिला। उन्होंने एक रैली के दौरान उन्होंने कहा था 'जिसको हम ऊंगली पकड़कर रामपुर लाए, आपने 10 साल जिससे अपना प्रतिनिधित्व कराया, उनकी असलियत समझने में आपको 17 बरस लगे, मैं 17 दिन में पहचान गया कि इनके नीचे का अंडरवियर खाकी रंग का है।' हालांकि, उन्होंने इस बयान में जयाप्रदा का नाम नहीं लिया था, लेकिन उनका इशारा बीजेपी उम्मीदवार पर ही था। इसके बाद आजम को आयोग का नोटिस मिला था। बीते सप्ताह ही आजम को फिर से कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। चुनाव आयोग ने उनकी कथित टिप्पणी को लेकर नोटिस थमाया। आजम का कहना है कि फासीवादी उन्हें मारने का प्रयास कर रहे है। इसके अलावा आजम ने पीएम मोदी को टारगेट करते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री ने मुस्लिमों को मारा है। उन्होंने राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह पर भी हमला करते हुए कहा था कि अपराधी संवैधानिक पदों पर आसीन हैं। ऐसे तमाम बयानों के चलते आजम खान को समय-समय पर चुनाव आयोग का नोटिस मिलता है।
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मायावती को आचार सहिंता का उल्लंघन करने को लेकर चुनाव आयोग ने नोटिस जारी किया है। उन्होंने देवबंद की रैली में मुसलमानों से अपील करते हुए कहा था वेकिसी भी बहकावे में आकर अपने वोट को न बंटने दें।