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दशहरा, जिसे विजयदशमी के नाम से भी जाना जाता है, हर साल भारत में बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक बनकर मनाया जाता है। दशहरे का त्योहार सदियों पुराना है और इसका गहरा सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व है। (ANI Photo)
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यह पर्व नवरात्रि के नौ दिनों के उपवास और देवी दुर्गा की पूजा के बाद आता है। दशहरा का त्योहार भगवान राम की रावण पर विजय के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। (ANI Photo)
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इस दिन को रामायण की कथा के उस महत्वपूर्ण पल की याद के रूप में मनाया जाता है जब भगवान राम ने लंका के राक्षस राजा रावण का वध किया था। (ANI Photo)
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रामायण के अनुसार, रावण द्वारा माता सीता का अपहरण करने के बाद भगवान राम और रावण के बीच महायुद्ध हुआ था। राम ने अपनी पत्नी सीता को वापस पाने के लिए लंका पर चढ़ाई की और रावण को परास्त कर दिया। (ANI Photo)
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इस विजय को अधर्म पर धर्म और बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में देखा जाता है। इसीलिए दशहरा के दिन रावण के पुतलों का दहन किया जाता है, जिससे यह संदेश मिलता है कि बुराई का अंत निश्चित होता है। (ANI Photo)
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जिसके बाद से दशहरा अधर्म पर धर्म और बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाने की परंपरा है। इस वर्ष भी दशहरा 2024 के अवसर पर देश भर में भव्य तैयारियां की जा रही हैं। (ANI Photo)
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दशहरा का मुख्य आकर्षण रावण दहन है, जहां विशालकाय रावण, मेघनाद और कुम्भकर्ण के पुतलों को आग लगाकर जलाया जाता है। (ANI Photo)
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यह दृश्य न केवल भव्य होता है, बल्कि यह एक महत्वपूर्ण संदेश भी देता है कि बुराई का अंत हमेशा होता है। (ANI Photo)
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नवरात्री के बाद दशमी के दिन लगभग पूरे भारत में रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद की प्रतिमाओं का दहन किया जाता है। कई जगहों पर सिर्फ रावण के पुतलों को जलाया जाता है। (ANI Photo)
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वहीं रावण के दहन के लिए देश भर में बाजार सज गए हैं। बाजारों में रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के अलग-अलग डिजाइनों में पुतले उपलब्ध हैं। (PTI Photo)
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ये पुतले लकड़ी बांस, पेपर और कपड़ों की मदद से बनाए जाते हैं। कुछ पुतलों में आतिशाबाजी और लाइटनिंग के भी सामान लगाए जाते हैं। (PTI Photo)
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इस साल, विभिन्न शहरों में रावण के पुतलों के निर्माण और सजावट की तैयारियां धूमधाम से चल रही हैं। कलाकारों और शिल्पकारों ने विशेष रूप से बड़े और रंग-बिरंगे पुतलों को तैयार किया है। (PTI Photo)
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इस बार द्वारका के रामलीला ग्राउंड में एक ऐसा लंबा और विशाल रावण खड़ा किया गया है जो कि लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच रहा है। इसकी लंबाई 211 फीट है। (PTI Photo)
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रावण के इस पुतले को बनाने में 30 लाख रुपये खर्च हुए हैं। इसके लिए 40 कारीगरों ने चार महीने तक लगातार काम किया है।
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वहीं, इस समय बाजारों की रौनक देखते ही बन रही है। हर जगह रंग-बिरंगे पुतले, लाइटनिंग की सजावट और उत्सव के माहौल में बाजारों की हलचल बढ़ गई है। (PTI Photo)
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तैयारियों की गूंज चारों ओर सुनाई दे रही है। देश भर से आई इन तस्वीरों में आप देख सकते हैं, दशहरा को लेकर लगभग तैयारियां हो चुकी हैं। हर कोई बस अब रावण दहन का बेसब्री से इंतजार कर रहा है। (PTI Photo)
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