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Dussehra 2023: दशहरा भारत का एक प्रमुख त्योहार है। यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में नवरात्रि के दसवें दिन मनाया जाता है। इस त्योहार को पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन कुछ शहर ऐसे हैं जो दशहरे के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं। इन शहरों में दशहरे के अवसर पर कई तरह के कार्यक्रम और आयोजन होते हैं, जो इस त्योहार को और भी खास बना देते हैं। आज हम आपके लिए भारत के कुछ ऐसे शहरों की लिस्ट लेकर आए हैं, जहां आप दशहरे का असली मजा ले सकते हैं।
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Varanasi
वाराणसी के रामनदर की रामलीला दुनिया भर में फेमस है और इसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। यहां की रामलीला आम रामलीलाओं से अलग है। यहां पूरे एक महीने तक रामलीला चलती है। वहीं रावण दहन के दिन यहां अच्छी खासी भीड़ देखने को मिलती है। (Source: @abhisheksingh_1998/instagram) -
Kolkata
कोलकाता में नवरात्रि और दशहरा दोनों ही त्योहार बहुत ही धूमधाम से मनाए जाते हैं। नवमी और दशहरे के दिन यहां कई जगहों पर सिंदूर खेला होता है। कोलकाता में दुर्गा मां की मूर्तियां और भव्य पंडाल दुनिया भर में लोगों का आकर्षण का केंद्र बनते हैं। (Photo Source: Indian Express) -
Delhi
रामलीला मैदान में रावण दहन की तैयारी कई दिनों पहले से शुरू हो जाती है। यहां की रामलीला और दशहरा बहुत फेमस है। यहां के रावण दहन में कई राजनेता और सेलिब्रिटी भी शामिल होते हैं। (Photo Source: Indian Express) -
Ahmedabad
गुजरात में स्थित अहमदाबाद में दशहरे को धूमधाम से मनाया जाता है। यहां बड़े मेले का आयोजन किया जाता है जहां लोग ‘गरबा’ और ‘डांडिया’ खेलने आते हैं। हर कोई पारंपरिक गुजराती परिधानों में सजा होता है। इसके साथ ही यहां लोग गुजराती खाने का आनंद उठाने भी आते हैं। (Photo Source: Indian Express) -
Mysore
कर्नाटक के शहर मैसूर में दशहरा के दिन बन्नीमंतप मैदान में हाथियों, घोड़ों, ऊंटों और सांस्कृतिक मंडलियों की परेड देखी जाती है। यह परेड दुनिया भर में फेमस है और इसे देखने के लिए लाखों लोग मैसूर आते हैं। (Source: @karnataka_focus/instagram) -
Kota
राजस्थान के कोटा में भी दशहरा काफी धूमधाम से मनाया जाता है। यहां भव्य मेला लगने के साथ-साथ भजन-कीर्तन और कई कॉम्पटीशन आयोजित किए जाते हैं। (Source: @kotacityraj/instagram) -
Kullu
हिमाचल प्रदेश में स्थित कुल्लू में भी दशहरे काफी धूमधाम से मनाया जाता है। यहां देवी-देवताओं की मूर्तियों को मैदान तक ले जाने के लिए जुलूस निकाला जाता है। कुल्लू में रावण की लंका जलाने की प्रथा है जिसके साथ इस त्योहार का यहां समापन होता है। (Source: @instahimachal/instagram)