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अमेरिकी राज्य हवाई में 20 दिन पहले भड़के किलाउआ ज्वालामुखी ने अब और भयानक रूप ले लिया है। इस इलाके में दूर-दूर तक आग फैल गई है। अब लावा का प्रवाह अब पूना भू-तापीय संयंत्र क्षेत्र तक पहुंच गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस संयंत्र में भूमिगत कुओं से भाप निकालकर इसे टर्बाइन जनरेटर में स्थानांतरित कर बिजली पैदा की जाती है। हवाई आपदा प्रबंधन एजेंसी के प्रवक्ता थॉमस ट्रैविस ने मंगलवार को कहा कि अधिकारी संभावित विस्फोट या विषैला धुंआ निकलने से रोकने की कोशिश कर रहे हैं, और इसके लिए अधिकांश कुंओं को ठंडा किया जा रहा है। एजेंसी के अधिकारियों के अनुसार, भूमिगत कुंओं में पानी भरकर उन्हें ठंडा किया जा रहा है। अबतक 11 में से 10 कुंओं को ठंडा किया जा चुका है। (All Photos- AP)
बताया जा रहा है कि अब यह लावा प्रशांत महासागर की ओर बढ़ रहा है, जिससे जहरीले पानी होने का खतरा बढ़ रहा है। जिन जिन इलाकों में यह लावा पहुंच रहा है वहां इससे जुड़ी चेतावनी भी जारी की गई है। -
बता दें कि इस इलाके में लावा पहली बार 3 मई को निकलना शुरू हुआ था, जिससे करीब 400 इमारतों को भारी क्षति पहुंची थी। इसके बाद ने करीब 2000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा।
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लावा बाहर आने की वजह है ज्वालामुखी पर चट्टान का गिरना और गैस में विस्फोट होना।
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लावा विस्फोट का गुब्बार 3,000 से 3600 मीटर तक ऊंचा उठा था, जिसके बाद से यहां के लोगों को सांस लेने में दिक्कत का सामना करना पड़ा।
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3 मई को ज्वालामुखी में विस्फोट से 5.0 और 4.9 तीव्रता का भूंकप भी आया था।
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इस लावा से वातावरण पर खतरा मंडरा रहा है क्योंकि इस लावे से सल्फर डाइऑक्साइड अब दोगुनी मात्रा में निकल रही है। पहले तो 6000 टन सल्फर डाइऑक्साइड निकलती थी और अब दो गुना बढ़कर 15000 टन तक पहुंच गई है।
