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हर शुक्रवार और शनिवार को हनुमान जी की पूजा-आराधना की जाती है। इस दिन लोग व्रत भी रखते हैं। हनुमान जी को लेकर काफी लोगों का कहना है कि महिलाओं को उन्हें नहीं छूना चाहिए। महिलाओं को उनकी पूजा दूर से ही करनी चाहिए। ऐसे में प्रेमानंद महाराज से आइए जानते हैं क्या यह सही है या गलत? (Photo: Pexels) रात को 2-3 बजे तक नींद नहीं आती और सोचते रहते हैं, प्रेमानंद महाराज ने बताया बाहर निकलने का आसान तरीका
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प्रेमानंद महाराज के आश्रम आई एक महिला का प्रश्न होता है कि वह हनुमान जी को बचपन से ही अपना भाई मानती है। लेकिन कुछ समय पहले ही किसी ने बताया कि स्त्री साधक हनुमान जी की भक्ति नहीं कर सकती। (Photo: Bhajan Marg/FB)
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प्रेमानंद महाराज के अनुसार ये केवल बात सिद्धि के लिए की जाती है तब वहां पर नियम कानून की बात होती है। लेकिन हैं तो वह प्रभु ही। कोई भी उनकी पूजा कर सकता है। (Photo: Bhajan Marg/FB)
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उनके अनुसार हम स्त्री और पुरुष की पोशाक पहने हुए हैं। न पहले थे और न हो। सिर्फ पोशाक मिली है। पृथ्वी पर हर एक प्राणी भगवान का अंश है। सारे प्राणी भगवान के समान अंश हैं। (Photo: Bhajan Marg/FB) प्रेमानंद महाराज ने बताया ऐसे लोगों के जीवन में कभी नहीं आता सुख, भक्ति नहीं आती है काम
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प्रेमानंद महाराज के अनुसार प्रीत और सिद्धि में अंतर होता है। अगर हमारी हनुमान जी से प्रीत है तो हम उन्हें किसी भी रूप में मानकर पूजा कर सकते हैं। (Photo: Indian Express)
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प्रेमानंद महाराज के अनुसार नियम कानून पदवी पर लगते हैं। हम उनसे कोई चाह नहीं कर रहे हैं। ऐसे में महिलाएं भी उनकी पूजा-पाठ कर सकती हैं। (Photo: Bhajan Marg/FB)
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जो महिलाएं हनुमान जी की पूजा करना चाहती हैं वह कर सकती है। उनकी सेवा कर सकती हैं। हनुमान जी को भजन-कीर्तन सुना सकती हैं। उन्हें तिलक लगा सकती हैं। (Photo: Bhajan Marg/FB)
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आपके अध्यात्म और भाव की भाषा सिर्फ भगवान समझ सकते हैं। जो जैसे भावना में चलता है भगवान उसे उसी भाव में मिलते हैं। बस हमारे भीतर भक्ति होनी जरूरी है। (Photo: Bhajan Marg/FB)
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प्रेमानंद महाराज के अनुसार यह शरीर वास्तविक नहीं है। उपासना वास्तविक है। यह शरीर आज है कल नहीं रहेगा। हमें अपने अंदर के स्त्री और पुरुष के भाव को हटाने की जरूरत है। (Photo: Pexels) प्रेमानंद महाराज से जानें काम छोड़कर भक्ति करना सही या गलत?