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देश में मौजूद करीब 40,000 रोहिंग्या मुसलमानों के समर्थन में आवाज उठाने को लेकर असम की भाजपा ने अपने नेता बेनज़ीर अरफान को पार्टी से निलंबित कर दिया है। कुछ दिनों पहले बेनेजीर ने फेसबुक पर एक पोस्ट डालकर लोगों से म्यांमार सरकार के खिलाफ भूख हड़ताल में शामिल होने की मांग की थी। (Photo: Facebook)
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बेनज़ीर तीन तलाक के मामलों में काफी सुर्खियों में आई थी। वो भाजपा की ओर से तीन तलाक के खिलाफ कैंपेन चला रही थी। वह खुद भी तीन तलाक की पीड़ित रह चुकी है। (Photo: Facebook)
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गुरुवार को राज्य के बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप सैकिया ने बेनज़ीर को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया और एक लेटर भेजा, जिसमें पूछा गया था कि पार्टी आपके खिलाफ कार्रवाई क्यों न करे। (Photo: Facebook)
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बेनज़ीर ने पार्टी द्वारा की गई कार्रवाई के बाद एक क्षमा पत्र लिखा, लेकिन उसका कोई फायदा नहीं हुआ। उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट में लोगों से 16 सितंबर को म्यांमार से निकाले जा रहे रोहिंग्या शरणार्थियों को लेकर होने वाली रैली में भाग लेने की अपील की थी। (Photo: Facebook)
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उच्चतम न्यायालय रोहिंग्या मुसलमान शरणार्थियों को वापस म्यांमा भेजने के सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर 18 सितंबर को सुनवाई करेगा। (Photo: Facebook)
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हाल ही में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजीजू ने कहा था कि रोहिंग्या शरणार्थी गैरकानूनी प्रवासी हैं और इनको वापस भेजा जाएगा। (Photo: Facebook)
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पिछले दिन संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के प्रमुख जैद राद अल हुसैन ने रोहिंग्या मामले पर भारत के रुख की आलोचना की थी जिसका भारत सरकार ने प्रतिवाद किया था और आरोपों को खारिज कर दिया था। (Photo: Facebook)