मध्य प्रदेश के धार जिले में भोजशाला-कमल मौला मस्जिद में पूजा व नमाज के चलते तनाव की है। तनाव के चलते भारी पुलिस जाब्ता तैनात किया गया है। बसंत पंचमी के माैके पर जहां हिंदू सरस्वती की पूजा करना चाहते हैं। वहीं मुसलमान जुम्मे की नमाज अदा करना चाहते हैं। प्रशासन ने दोनों को अनुमति दे दी। लेकिन हिंदू संगठन पूजा पर अड़े हुए हैं। जानिए क्या है भोजशाला-कमल मौला मस्जिद विवाद: (Express Photo) -
भोजशाला को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने संरक्षित कर रखा है। हिंदुओं का मानना है कि यह प्राचीन स्थान वाग्देवी (सरस्वती) का मंदिर है। जबकि मुसलमान इसे अपनी इबादतगाह बताते हैं। इसके हक को लेकर दोनों पक्ष कोर्ट में केस लड़ रहे हैं।
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कोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को इसका संरक्षण दे रखा है। एएसआई ने हिंदुओं को मंगलवार व बसंत पंचमी को पूजा करने की अनुमति दे रखी है। वहीं मुसलमानों को शुक्रवार को नमाज पढ़ने की अनुमति है। (Express Photo)
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इस बार बसंत पंचमी शुक्रवार के दिन है। इसके चलते हिंदुओं का कहना है कि वे पूरे दिन पूजा करेंगे। वहीं मुसलमानों का कहना है कि वे जुम्मे की नमाज यहीं पढ़ेंगे। इसी बीच प्रशासन ने हिंदुओं को सूर्योदय से दोपहर एक बजे और दोपहर तीन से शाम तक पूजा करने को कहा है। जबकि मुसलमानों के लिए तीन बजे नमाज के लिए समय दिया है। (Express Photo)
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तीन साल पहले 2013 में भी शुक्रवार के दिन ही बसंत पंचमी आई थी और इसके चलते काफी तनाव हुआ था। इस दौरान हुई हिंसा के बाद पुलिस को हवाई फायरिंग करनी पड़ी थी क्योंकि हिंदुओं ने जगह छोड़ने से इनकार कर दिया था। (Express Photo)
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भोजशाला-कमल मौला मस्जिद को लेकर धार में कई बार साम्प्रदायिक तनाव की स्थिति बन जाती है। पिछले सालों में कई बार यहां पर इस विवाद के चलते दंगे हो चुके हैं। (Express Photo)
