स्वयंभू संत भय्यूजी महाराज ने मंगलवार को यहां अपने खंडवा रोड स्थित आवास पर खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। आत्महत्या की वजह का खुलासा फिलहाल नहीं हो पाया है। इंदौर से विधायक रमेश मेंदोला ने यहां बॉम्बे अस्पताल से बाहर निकलते हुए संवाददाताओं से कहा, "हमारे सिर से संत और संरक्षक का साया उठ गया है। अब वह हमारे बीच नहीं रहे। वजह क्या थी, यह तो जांच से ही पता चलेगा। इंदौर के पुलिस उपमहानिरीक्षक हरिनारायण चारी मिश्रा ने बताया, भय्यूजी महाराज ने अपने आवास पर खुद को गोली मारी। उन्हें उपचार के लिए यहां बॉम्बे अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया। खुद को गोली मारने का कारण क्या है, इसका खुलासा नहीं हो पाया। यहां हम आपको भैय्यूजी की निजी लाइफ से जुड़ी बातें बता रहे हैं। (All Photos- Youtube) भैय्यू जी महाराज पिछले साल अपनी दूसरी शादी को लेकर चर्चा में रहे थे। 30 अप्रैल 2017 में भय्यू महाराज ने डॉ आयुषी के साथ दूसरी शादी की थी। डॉ आयुषी मध्यप्रदेश के ग्वालियर की रहने वाली हैं। आयुषी काफी सुंदर भी हैं। -
डॉ आयुषी मध्यप्रदेश के ग्वालियर की रहने वाली है। आयुषी काफी सुंदर भी हैं।
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उनकी शादी से पहले भय्यूजी महाराज कुछ समय पूर्व सार्वजनिक जीवन से संन्यास की घोषणा कर चुके थे, लेकिन अचानक उन्होंने शादी का फैसला लेकर सबको चौंका दिया था। भय्यूजी की पहली पत्नी माधवी थी जिनकी मौत साल 2015 में हुई थी। माधवी से भैय्यूजी की एक बेटी है, जो पुणे में पढ़ाई कर रही है।
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गौरतलब है कि भय्यूजी महाराज ने कांग्रेस के शासनकाल में अन्ना हजारे के अनशन को खत्म कराने में मध्यस्थ की भूमिका निभाई थी। उन्हें अन्ना हजारे का अनशन खत्म करने के लिए तत्कालीन यूपीए सरकार ने भेजा था। भय्यूजी महाराज ने अपने हाथों से जूस पिलाकर अन्ना का अनशन तुड़वाया था। अन्ना के अलावा वह पीएम मोदी के उपवास को तुड़वाने को लेकर भी चर्चा में आए थे। उन्होंने पीएम मोदी का भी उपवास तुड़वाया था। जब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में सद्भावना उपवास पर बैठे थे।
भय्यूजी महाराज का असली नाम उदयसिंह देशमुख है। ये मध्य प्रदेश के शुजालपुर जिले से हैं। भैय्यूजी महाराज का मुख्य आश्रम इंदौर स्थित बापट चौराहे पर है। कई राजनीतिक और फिल्मी हस्तियां उनके आश्रम में आती रही हैं। बड़े नेताओं से इनके रिश्ते थे। पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल, पीएम नरेंद्र मोदी, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देखमुख, शरद पवार जैसी हस्तियां उनके आश्रम आ चुकी हैं। भय्यूजी महाराज का सभी राजनीतिक दलों में दखल रहा है। उनका कांग्रेस और संघ के लोगों से करीबी रिश्ता रहा है। वह लगातार समाज के लिए कई प्रकल्प चला रहे थे। पिछले दिनों मध्य प्रदेश सरकार ने उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा दिया था, मगर उन्होंने उसे ठुकरा दिया था।