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बराक ओबामा, स्टीवन स्पीलबर्ग, वॉरेन बफेट, मैट ग्रेनिंग, जॉन केरी को आज कौन नहीं जानता। ये नाम उन हस्तियों के हैं, जिनकी काबिलियत को पूरी दुनिया सलाम करती है, लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि इनमें कोई भी अपने मनसंद कॉलेज में एडमिशन नहीं ले पाया था। आइए जानते हैं क्या है इन हस्तियों की कहानी…
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दुनिया की सबसे ताकतवर हस्तियों में शुमार अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा स्वार्टमोर कॉलेज में पढ़ाई करना चाहते थे। सीनेट ऑफिस में इंटर्नशिप कर रहे इसी कॉलेज के एक व्यक्ति से ओबामा ने कहा था, 'ओह स्वार्टमोर, ग्रेट स्कूल। उन्होंने मुझे रिजेक्ट कर दिया था।' ओबामा ने कहा, 'सचमुच उस समय मेरा दिल टूट गया था।' स्वार्टमोर कॉलेज अमेरिकी प्रांत पेन्सिल्वेनिया में हैं। इसके बाद ओबामा ऑक्सीडेंटल कॉलेज चले गए और बाद में कोलंबिया यूनिवर्सिटी में ट्रांसफर करा लिया।
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जैरी ग्रीनफील्ड ओबरलिन में पढ़ना चाहते थे। स्कूल के दिनों से ही उनका यह सपना था। लेकिन जब मेडिकल कॉलेज में एडमिशन की बारी आई तो उन्होंने 20 जगह एप्लाई किया, लेकिन उन्हें हर जगह से रिजेक्ट कर दिया गया था। इसके बाद उन्होंने अपने स्कूलफ्रेंड के साथ आईसक्रीम बनाने का काम शुरू किया और इसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और बेन एंड जैरी कंपनी की स्थापना की। आज ऐसा कोई नहीं है जो आईसक्रीम का शौक रखता हो और जैरी का नाम न जानता हो।
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जॉन केरी आज अमेरिका के विदेश मंत्री हैं। लेकिन वह भी उन लोगों की सूची में शामिल हैं, जिनकी अर्जी हॉर्वर्ड यूनिवर्सिटी में रिजेक्ट हो जाया करती थी। एबीसी के साथ बातचीत में जॉन केरी ने कहा कि वह अनुभव शर्मिंदा करने वाला था। बाद में उन्होंने याले यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की और फिर बॉस्टन कॉलेज से लॉ की शिक्षा प्राप्त की।
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वॉरेन बफेट को हॉर्वर्ड बिजनेस स्कूल में एडमिशन नहीं मिल पाया था। उन्होंने 'द वॉल स्ट्रीट जर्नल' के साथ बातचीत में एक बार कहा था, 'मेरे साथ जिंदगी में जो भी हुआ। उस वक्त तो मुझे बहुत बुरा लगा, लेकिन बाद में वह बेहतर ही साबित हुआ।' वॉरेन बफेट का मानना है कि अल्पकालिक हार, हमेशा के लिए नहीं होती। अंत में वह एक मौका बन जाती है।
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द सिम्प्सन के संस्थापक मैट ग्रेनिंग भी उन्ही लोगों में शामिल हैं, जिन्हें हॉर्वर्ड से रिजेक्ट कर दिया गया था। बाद में उन्होंने ओलंपिया के एक कॉलेज से पढ़ाई की।
गूगल के को-फाउंडर सर्जरी ब्रिन ग्रेजुएशन के लिए मैसाच्युसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) जाना चाहते थे। लेकिन उनकी अर्जी खारिज कर दी गई थी। इसके बाद उन्होंने स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिर्टी से मास्टर डिग्री ली। संयोग देखिए, यहीं पर उनकी मुलाकात लैरी पेश के साथ हुई और दोनों ने मिलकर इंटरनेट की दुनिया को पूरी तरह से बदल दिया। -
'जुरासिक पार्क', 'म्यूनिख', 'ब्रिज ऑफ स्पाइज', 'माइनॉरिटी रिपोर्ट', 'वॉर ऑफ द वर्ल्ड' जैसी फिल्में बना चुके स्टीवन स्पीलबर्ग यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ कैलिफोर्निया स्कूल ऑफ आर्ट्स में पढ़ना चाहते थे। लेकिन दो बार प्रयास करने के बाद भी उन्हें एडमिशन नहीं मिला। इसके वह कैलिफोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी लॉन्ग बीच में पढ़ाई करने गए। लेकिन उन्हें बीच में ही पढ़ाई छोड़नी पड़ी, क्योंकि उन्हें एक फिल्म मिल गई थी। हालांकि, उन्होंने 2002 में इसी यूनिवर्सिटी से फिर डिग्री हासिल की।
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सुपरहिट फिल्म स्प्लैश समेत कई फिल्मों में शानदार अभिनय के लिए मशहूर टॉम हैंक्स ने भी मैसाच्युसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) और विलानोवा में दाखिले का प्रयास किया था। हालांकि, वह जानते थे कि उन्हें एडमिशन नहीं मिलने वाला, लेकिन फिर भी वह किस्मत आजमाना चाहते थे। बाद में कैलिफोर्निया के हॉवर्ड में एक अन्य कॉलेज से पढ़ाई पूरी की और वह इसी कॉलेज को अपनी सफलता का श्रेय देते हैं।
