'बाजीराव मस्तानी' देश में 150 करोड़ का कलेक्शन कर चुकी है। इस फिल्म ने रणवीर सिंह को अपने दौर के दूसरे कलाकारों से मीलों आगे पहुंचा दिया है। अब वह यशराज बैनर के साथ फिल्म कर रहे हैं, जिसे आदित्य चोपड़ा डायरेक्ट करेंगे, जिन्होंने अभी तक शाहरुख के अलावा किसी और को डायरेक्ट नहीं किया। रणवीर की सफलता की कहानी बेहद रोचक है, लेकिन उनके संघर्ष की कहानी भी कम दिलचस्प नहीं है। हाल ही में उन्होंने एक टीवी चैनल के प्रोग्राम में अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए बताया कि कैसे उनके पिता ने उन्हें हीरो बनाने के लिए अपना घर, कार सब बेच दिया था। आगे पढ़ें, रणवीर को स्टार बनाने के लिए पिता बेच दिया था सबकुछ रणबीर को बॉलीवुड में हीरो बनाने के लिए जगजीत सिंह भगनानी ने सबकुछ दांव पर लगा दिया था। उन्होंने अपना घर और कार बेच दी थी। एक्टिंग क्लास, पोर्टपोलियो, ट्रेनर इस सब के लिए पैसा नहीं था, लेकिन पिता से सबकुछ कराया। जब रणवीर स्ट्रगल कर रहे थे, तब उनके पिता बस से सफर किया करते थे। उन्होंने रणवीर को हर वो चीज मुहैया कराई, जिसकी उन्हें जरूरत थी। आगे पढ़ें, जब कास्टिंग काउच का शिकार होते-होते बचे रणवीर रणवीर ने बताया कि यह बात साल 2006 की है। जब वह इंडस्ट्री में काम करने के लिए संघर्ष कर रहे थे। इसी दौरान वह बॉलीवुड के एक मशहूर कॉस्टिंग डायरेक्टर से मिले थे, जो नए कलाकारों को फिल्मों में काम दिलाने का झांसा देकर उनका शारीरिक शोषण करता था। रणवीर सिंह ने बताया कि उनका घर अंधेरी में था। जब रणवीर उनके घर पहुंचे तो उन्हें कुछ अजीब लग रहा था। वो डायरेक्टर बालकनी में खड़े होकर रणवीर को अपने पास बुला रहे थे। रणवीर ने बताया कि उनके घर की दीवार पर अजीब सी पेंटिंग थी। जिस पर लिखा था ‘you will not win if don’t giving'। रणवीर ने जब उन्हें पोर्टफोलियो दिखाया तो उन्होंने उसे देखा और साइड में कर दिया और आगे आकर उन्होने मुझे बोले you have to be smart you have to be sexy। इसके बाद रणवीर वहां से निकल गए। आगे पढ़ें, आंटी ने पूछा बड़े होकर क्या बनोगे, तब क्या बोले थे रणवीर (फोटो कैप्शन- अपनी बड़ी बहन के साथ रणवीर सिंह।) रणवीर सिंह ने कहा कि जब से उन्हें दुनियादारी की समझ आई, तभी से वह हीरो बनना चाहते थे। उन्होंने बताया कि बचपन में जब आंटी उनके गाल खींचकर पूछती थीं कि बेटा बड़े होकर क्या बनोगे, तब रणवीर कहते थे आंटी मैं तो हीरो ही बना था। आगे पढ़ें, अमिताभ की फैन दादी ने कैसे किया रणवीर को प्रेरित रणवीर सिंह ने कहा कि जब से उन्हें दुनियादारी की समझ आई, तभी से वह हीरो बनना चाहते थे। उन्होंने बताया कि बचपन में जब आंटी उनके गाल खींचकर पूछती थीं कि बेटा बड़े होकर क्या बनोगे, तब रणवीर कहते थे आंटी मैं तो हीरो ही बना था। आगे पढ़ें, अमिताभ की फैन दादी ने कैसे किया रणवीर को प्रेरित रणवीर ने अपना पहला परफॉर्मेंस 'जुम्मा-जुम्मा' गाने पर दिया था। तब वह सात साल के थे और बगीचे में दादी के सामने डांस किया था। रणवीर यह भी बताते हैं कि उन्हें हीरो बनने की प्रेरणा उनकी दादी ने दी, जो कि हमेशा से अमिताभ बच्चन की फैन रहीं। रणवीर की दादी हमेशा उनसे कहती थीं कि उन्हें अमिताभ जैसा बनना है। आगे पढ़ें, शाद अली ने बदली रणवीर की जिंदगी रणवीर मुंबई के उसी बांद्रा इलाके में पले बढ़े हैं, जहां शाहरुख और सलमान रहते हैं। शुरुआती दिनों में वह शाद अली के असिस्टेंट डायरेक्टर थे, लेकिन इस दौरान उन्हें 24 घंटे काम करना पड़ता था। वह बहुत मोटे हो गए थे। रणवीर ने खुद बताया कि उनका पेट निकल आया था। इसी से परेशान होकर उन्होंने वापस अपने एक्टिंग के अपने सपने को पूरा करने की ठानी। शाद अली के कहने पर रणवीर सिंह ने किशोर नमित कपूर के एक्टिंग स्कूल में एडमिशन ले लिया। यहीं पर रणवीर का टैंलेंट निखर कर बाहर आया। आगे पढ़ें, पृथ्वी थिएटर में एक्टर्स के लिए समोसे लाते थे, झाड़ू भी लगाई रणवीर ने 2010 में पृथ्वी थिएटर ज्वाइन किया था। वह सुबह आठ बजे से पहले थिएटर पहुंच जाते और रात को 11 बजे तक वहीं रहते। मशहूर एक्टर मकरंद देशपांडे रणवीर की एनर्जी देखकर घबरा जाते थे और उनसे बचा करते थे। मकरंद देशपांडे ने बताया कि शुरुआत में उन्हें लगता था, कि वह रणवीर को इग्नोर करेंगे तो ठीक रहेगा। 'कविता भाग गई' प्ले की रिहर्सल के दौरान रणवीर कुर्सी लगाते थे, झाड़ू लगाते थे, एक्टर्स के लिए समोसे लाते थे और रिहर्सल खत्म होने के बाद सफाई भी करते थे। पृथ्वी थिएटर में एक साल 8 महीने गुजारने के बाद उन्होंने फिल्मों में आने की तैयारी शुरू कर दी। आगे पढ़ें, थिएटर करते हुए छोड़ दी थीं बड़े बजट की फिल्में रणवीर ने बताया कि उन्होंने 21-23 साल की उम्र में कई फिल्में छोड़ दी थीं। उन्होंने बताया कि उन्हें ये फिल्में पसंद नहीं आई थीं। जिन फिल्मों को उन्होंने छोड़ दिया था वे 10-15 करोड़ के बजट की बड़ी फिल्म थीं। उन्हें डर भी लगा रहा था। लेकिन रणवीर को वो 'बैंड बाजा बारात' के लेवल की फिल्में नहीं लगी थीं। आगे पढ़ें, अली अब्बास जफर ने दिलाई 'बैंड बाजा बारात' -
रणवीर सिंह ने अली अब्बास जफर से मदद मांगी। वह यशराज फिल्म्स में एसिस्टेंट डायरेक्टर थे। रणवीर ने जफर से कहा कि तुम मुझे सिर्फ एक ऑडिशन दिला दो। यशराज के कास्टिंग डायरेक्टर शानू ने सात-आठ कॉल किए, यह बताने के लिए आदित्य चोपड़ा उनसे मिलना चाहते हैं। लेकिन रणवीर ने फोन नहीं उठाया। इसके बाद शानू ने उन्हें मैसेज किया और तब जाकर रणवीर ने अनुष्का शर्मा के साथ ऑडिशन दिया। लेकिन रणवीर के ऑडिशन अच्छे नहीं जा रहे थे। इसके बाद आदित्य ने उनसे कहा कि तुम्हारे पास लास्ट चांस है, ये कैमरा टेस्ट अच्छे से किया तो फिल्म तुम्हें मिल जाएगी। आदित्य चोपड़ा ने रणवीर से कहा कि मैं आपमें 25-35 साल का करियर देखता हूं।