
अब तक आपने खिलाड़ी अक्षय को आर्मी अफसर, आईबी ऑफीसर, पुलिस इंस्पेक्टर और एक स्टंटबाज की भूमिका में देखा था लेकिन इस बार वे अपनी अपकमिंग मूवी में एक ळअग ही भूमिका में नजर आएंगे। जी हां, हम बात कर रहे है अक्षय की मोस्ट अवेटिड मूवी रुस्तम की, जिसका सॉन्ग खुश रंग बहार तो हर किसी की जुबान से सुनने को मिल रहा है। इस फिल्म में अक्षय एक नेवी अफसर से भूमिका में नजर आएंगे। यहां आपको बताते हैं कि आखिर अक्षय ने किस नेवी अफसर की भूमिका निभाई है। अक्षय ने एक ऐसे नेवी अफसर का रोल निभाया है जो अपनी पत्नी के लवर की हत्या कर हीरो बनता है। ये फिल्म 1959 में मुंबई के एक चर्चित मर्डर केस पर आधारित है। ये कहानी है एक नेवल अफसर केके नानावटी की है, जिसने अपनी बीबी के लवर का मर्डर किया था। इसके बाद काफी लंबे समय तक ये केस खबरिया चैनल्स और अखबारों में चर्चा का विषय रहा। -
भारत के रहने वाले केके नानावटी नेवी पारसी नौजवान कवास मनेकशॉ नानावटी नौसेना में कमांडर थे, जो ज्यादातर विदेश में ही रहते थे। जबकि उनकी बीबी उनकी पत्नी सैवलिया विदेशी मूल की थी वो अपने तीन बच्चों के साथ मुंबई में ही रहती थीं। रियल लाइफ स्टोरी पर आधिरत इस फिल्म का निर्देशन टीनू सुरेश देसाई ने किया है। नानावटी के विदेश में ज्यादा समय रहने के बाद सैलविया का अफेयर प्रेम आहूजा नाम के एक व्यक्ति से हो गया। जब ये खबर उनके पति को लगी तो वो बर्दाश्त नहीं कर पाए। जब उन्होंने अपनी पत्नी से पूछा तो उसने ये बात कबूल कर लिया उसका अफेयर चल रहा है।
इसके बाद नानावटी अपने दोस्त के घर गए और उससे पूछा कि क्या तुम मेरी बीबी और बच्चों की जिम्मेदारी लेने को तैयार हो। नानावटी की बीबी के लवर प्रेम अहूजा ने सैलविया और उसके बच्चों की जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया। नानावटी इस बात से भड़क उठा और उसने अपनी सर्विस रिवाल्वर से तीन गोलियां प्रेम को दाग दीं और मौके पर ही उसकी मौत हो गई। -
बाद में बीबी के लवर को मारने के बाद नानावटी ने खुद को पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। जब मामला कोर्ट पहुंचा तो नानावटी अदालत में कहा कि वो देश की सेवा कर रहा है और उसे इस वजह से सजा से बरी कर देना चाहिए। उस दौर में कई अखबारों और मैग्जीन में नानावटी के सपोर्ट में खबरें छपने लगीं।
लोगों की नजर में नानावटी हीरो बन गए। मीडिया में यही खबरें प्रसारित हो रही थीं कि वो देशभक्त आदमी है, उसने गुस्से में आकर ऐसी वारदात को अंजाम दिया है। कई सालों तक केस चला और आखिर नानावटी 3 साल की सजा काटकर बरी हुआ उसके बाद वो अपने बीवी और बच्चों के साथ कनाडा में शिफ्ट हो गया। -
ब्रिटेन के रॉयल नेवी कॉलेज के छात्र रहे नानावटी INS मैसूर के सेकेंड इन कमांड थे। दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान कई मोर्चों पर लड़ चुके थे और ब्रिटेन द्वारा कई वीरता पुरस्कारों से भी उन्हें नवाजा जा चुका था।
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नानावटी की कहानी पर आधारित ये फिल्म 12 अगस्त को रिलीज होगी।