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भारत के कई पड़ोसी देशों में कई वर्षों से बुलेट ट्रेनें दौड़ रही हैं। पिछले दिनों जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे और देश के पीएम नरेंद्र मोदी ने मुंबई और अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया। इस प्रोजेक्ट को बनाने में 1 लाख करोड़ रुपये की लागत आएगी। मुंबई से अहमदाबाद की 508 किलोमीटर की दूरी 2-3 घंटे में पूरी हो सकेगी। जापान की शिन्कासेन टेक्नोलॉजी पर आधारित ये बुलेट ट्रेन 350 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकती है, लेकिन इसे 320 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलाया जाएगा। आइए आपको बताते हैं दुनिया की सबसे तेज चलने वाली ट्रेनों के बारे में, जो हवा से बातें करती हैं। (Photo: PTI)
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चेन्नई-बेंगलुरु हाई स्पीड ट्रेन प्रोजेक्ट में चीन ने लगाया अड़ंगा (Photo: Youtube)
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एजीवी इटालो: यह यूरोप में सबसे तेजी से चलने वाली ट्रेनों में से एक माना जाता है। इसकी अधिकतम परिचालन गति 358 किमी / घंटा है। फ्रांसीसी निर्माण कंपनी एल्स्टॉम ने इस उच्च गति लोकोमोटिव का निर्माण किया और इसे यूरोप भर में व्यापक रूप से इस्तेमाल किया। यह सिर्फ एक घंटे में 140 मील या 225 किलोमीटर की दूरी तक पहुंचने में सक्षम है। इस ट्रेन की खासियत ये है कि यह पर्यावरण के अनुकूल है। यात्रियों के बैठने के लिए इस ट्रेन में सीटों को तीन वर्गों में विभाजित किया गया है। सीटें काफी आरामदायक हैं। यात्रियों के लिए लाइव टीवी, वाई-फाई, और अन्य सुविधाएं उपलब्ध हैं। (Photo: Youtube)
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सीमेंस वेलारो: वेल्लो दुनिया में सबसे अधिक इस्तेमाल किए जाने वाले हाई-स्पीड ट्रेनों में से है। इस ट्रेन का इस्तेमाल जर्मनी, नीदरलैंड्स, स्पेन, चीन, रूस और तुर्की में किया जाता है। इस ट्रेन ने टेस्ट के दौरान 400 किमी/घंटे की रफ्तार हासिल की थी। इस ट्रेन की अधिकतम रफ्तार 350 किमी/घंटे है। यह ट्रेन 2007 में ट्रेक पर उतारी गई थी। यह सिर्फ ढाई घंटे में मैड्रिड में बार्सिलोना को कवर कर सकता है। (Photo: Youtube)
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चीन रेलवे सीआरएच 380ए : चीन की ट्रेन हार्मनी सीआरएच 380ए 486 किमी/घंटा की स्पीड से चल चुकी है। आम तौर पर यह ट्रेन अधिकतम 380 किमी/घंटा की रफ्तार से चलती है। इस ट्रेन का निर्माण सीएसआर ने किया था। वेल्लो की तरह यह ट्रेन भी 380 किमी / घंटा की अधिकतम गति तक पहुंच सकती है और 350 किमी / घंटा पर क्रूज कर सकती है। (Photo: Youtube)
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शंघाई मैग्लेव: शंघाई की ट्रांसरैपिड दुनिया की सबसे तेज ट्रेन है। यह भी जापानी ट्रेन की तरह मैग्नेटिक लैविटेशन के सिद्धांत पर ही चलती है और 430 किमी/घंटा की गति तक पहुंचती है। मैग्नेटिक लैविटेशन। यह एक भौतिक सिद्धांत है जिसके अनुसार सुपरकंडक्टर के इस्तेमाल से किसी वस्तु को हवा में अटकाया जा सकता है। इसी सिद्धांत पर आधारित यह ट्रेन जब चलती है तो हवा में तैरते रहने के कारण इसके तल और पटरियों के बीच घर्षण नहीं होता और ना ही कोई टूट फूट। (Photo: Youtube)