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मानव समाज जितना विविध है, उसके कानून भी उतने ही अनोखे हैं। कई कानून संस्कृति और विरासत की रक्षा के लिए बनाए गए हैं, तो कुछ इंसानों की अजीब हरकतों को रोकने के लिए। यहां ऐसे 7 अजीब कानूनों की लिस्ट है, जो सुनने में भले ही अटपटे लगें, लेकिन आज भी पूरी तरह लागू हैं। (Photo Source: Pexels)
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च्यूइंग गम चबाना मना – सिंगापुर
सिंगापुर में पब्लिक प्लेस पर च्यूइंग गम चबाना कानूनन अपराध है। अगर आप च्यूइंग गम खाते पकड़े जाते हैं, तो भारी जुर्माना लग सकता है और कुछ मामलों में आपको इसे खरीदने पर भी प्रतिबंध लगाया जा सकता है। यह नियम शहर को साफ-सुथरा बनाए रखने के लिए बनाया गया था। (Photo Source: Pexels) -
बिना कपड़ों के हाइकिंग पर रोक – स्विट्जरलैंड
एक समय में स्विट्जरलैंड में लोग पहाड़ों पर न्यूड हाइकिंग करने लगे थे। इसे देखकर सरकार ने इसे पूरी तरह बैन कर दिया। अब सार्वजनिक स्थानों पर बिना कपड़ों के हाइकिंग करना कानूनन अपराध है। (Photo Source: Pexels) -
प्राचीन स्थलों पर हाई हील पहनना मना – ग्रीस
ग्रीस के ऐतिहासिक स्थलों की सुरक्षा के लिए यहाँ हाई हील्स पहनने पर रोक है। हाई हील्स से पत्थरों और फर्श को नुकसान पहुंच सकता है, इसलिए इन जगहों पर फ्लैट जूते पहनना अनिवार्य है। (Photo Source: Pexels) -
बुद्ध प्रतिमा के साथ सेल्फी पर प्रतिबंध – श्रीलंका
श्रीलंका में बुद्ध की मूर्तियों के साथ अनादरपूर्ण या मजाकिया पोज में सेल्फी लेना अपराध माना जाता है। ऐसा करने पर गिरफ्तारी तक हो सकती है। यह नियम धार्मिक और सांस्कृतिक भावनाओं की रक्षा के लिए बनाया गया है। (Photo Source: Pexels) -
ब्रिटिश संसद में मरना मना – यूनाइटेड किंगडम
यूं तो मरने पर किसी का बस नहीं चलता, लेकिन यूके में एक अजीब कानून है, संसद भवन के अंदर किसी के मरने पर उसे स्टेट फ्यूनरल दिया जाना चाहिए। इसी वजह से एक नियम है कि “यहाँ मरना मना है!” भले ही यह व्यावहारिक रूप से लागू न होता हो, लेकिन यह कानून अभी भी मौजूद है। (Photo Source: Pexels) -
कबूतरों को खाना खिलाना मना – वेनिस, इटली
वेनिस में कबूतरों को दाना डालने पर €500 तक का जुर्माना लग सकता है। दरअसल, कबूतरों की संख्या बढ़ने से वे शहर की ऐतिहासिक इमारतों और संगमरमर को नुकसान पहुंचाते हैं। इसलिए यह नियम शहर की विरासत बचाने के लिए लागू किया गया। (Photo Source: Pexels) -
बिना अनुमति पुनर्जन्म नहीं – चीन
तिब्बत के बौद्ध धर्म में ‘जीवित बुद्ध’ यानी पुनर्जन्म की परंपरा 700 वर्षों से चली आ रही है। बौद्ध मान्यताओं के अनुसार, दलाई लामा किसी साधारण व्यक्ति नहीं बल्कि एक ‘बोधिसत्व’ (ज्ञान के मार्ग पर अग्रसर आत्मा) का पुनर्जन्म होते हैं। लेकिन चीन ने 2007 में एक कानून पारित किया जिसके अनुसार किसी भी ‘जीवित बुद्ध’ की पहचान करने से पहले सरकारी मंजूरी लेनी होगी। तिब्बती इसे अपने धर्म और आत्म-संप्रभुता पर सीधा हमला मानते हैं। (Photo Source: Pexels)
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