गरीबी से जूझ रहे कंबोडिया की सरकार ने थाईलैंड की राजकुमारी महाचक्री सिरिंधोर्न की यात्रा को ध्यान में रखते हुए एक खास टॉयलेट का निर्माण कराया है। थाई प्रिंसेस कंबोडिया की तीन दिवसीय यात्रा के दौरान रत्नाकिरी प्रांत की यात्रा भी करने वाली हैं, जहां उन्हें एक रात रुकना है। इसी विजिट के लिए शानदार झील के पास अलीशान टॉयलेट का निर्माण कराया गया है, जिस पर 40,000 डॉलर (करीब 28 लाख रुपए) का खर्च आया है। (फोटो सोर्स- Mahasarakham University की वेबसाइट) -
थाई कंस्ट्रक्शन कंपनी SCG Cement-Building Materials ने बताया कि उसे यह टॉयलेट बनाने में दो सप्ताह का समय लगा। अधिकारियों का दावा है कि यह लागत बेहद कम है, क्योंकि इसे बनाने के लिए थाई वर्कर और मैटीरियल का इस्तेमाल किया गया है।
कंबोडिया के अखबार Khmer Times ने दावा किया है कि टॉयलेट की कीमत 40,000 डॉलर (करीब 28 लाख रुपए) है। अखबार ने टॉयलेट बनाने वाली कंपनी SCG के अधिकारी के हवाले से लिखा है, 'अगर कोई आपका राजा है, तो फिर आम आदमी उसका टॉयलेट इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं।' आपको बता दें कि SCG अधिकारी ने यह बात थाई प्रिंसेस की विजिट के बाद टॉयलेट तोड़े जाने के सवाल के जवाब में कही। थाई राजकुमारी के लिए बनाए गए टॉयलेट पर किसी आम टॉयलेट से 130 गुना ज्यादा पैसा खर्च किया है। कंबोडियन रूरल डिवेलपमेंट के डायरेक्टर चेनी ने कहा कि सरकार को टॉयलेट पर 1 से 2 हजार डॉलर तक खर्च करना चाहिए था, जिसे बाद में प्रयोग करने के लिए ग्रामीणों को दे देना चाहिए था। -
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AsiaLife magazine मैग्जीन में पिछले साल प्रकाशित एक रिपोर्ट में बताया गया था कि कंबोडिया में सिर्फ 47 प्रतिशत लोग ही ऐसे हैं, जिनके पास टॉयलेट की सुविधा है। यह स्थिति भी 2011 के बाद सुधरी, क्योंकि इस चार साल के दौरान करीब 30 फीसदी लोगों ने टॉयलेट बनवाए। मतलब 2011 तक सिर्फ 17 फीसदी लोगों के पास ही टॉयलेट की सुविधा थी।
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कंबोडियाई अखबार की खबर के मुताबिक, यात्रा के दौरान थाई प्रिंसेस एक हेल्थ सेंटर और एक टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट का उद्घाटन भी करेंगी।
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थाई राजकुमारी महाचक्री सिरिधोर्न भूमिबोल अुदल्यादेज की दूसरे नंबर की बेटी हैं। इनका जन्म 2 अप्रैल 1955 में बैंकॉक में हुआ था।