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अंकारा: तुर्की के समुद्र तट के करीब शनिवार को शरणार्थियों से भरी एक नाव के डूबने से करीब 40 लोगों की मौत हो गई। यह नाव शरणार्थियों को लेकर ग्रीक आइलैंड जा रही थी। हालांकि, 75 लोगों को बचा लिया गया। मरने वालों में 10 बच्चे भी शामिल हैं। मारे गए लोगों की लाशें तुर्की के पथरीले तट पर इधर उधर बिखरी मिलीं। इस घटना से कुछ वक्त पहले हुए ऐसे ही हादसे की यादें ताजा हो गईं, जब शरणार्थियों से भरी ऐसी ही नाव के डूबने के बाद ऐलन कुर्दी नाम के बच्चे की लाश तुर्की के तट पर मिली थी। इस बच्चे की फोटो ने ही सारी दुनिया का ध्यान इस संकट की ओर खींचा था। दोबारा से ऐसे हादसे से एक बार फिर दुनिया को हिला कर रख दिया है। आगे की स्लाइड्स में देखें, इस हादसे से जुड़ी फोटोज
ताजा हादसे की फाटोज दिल दहलाने वाली हैं। लाशें तट पर इधर उधर बिखरी पड़ी हैं। -
मरने वालों में सीरिया, अफगानिस्तान यहां तक कि म्यांमार के लोग भी शामिल है।
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मिडल ईस्ट और अफ्रीका के जंग व आतंकवाद प्रभावित देशों के लोग असुरक्षित तरीकों से नौकाओं में बैठकर ग्रीस और अन्य यूरोपीय देशों में जाने की कोशिश में कई बार हादसे का शिकार हो चुके हैं।
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यूएन के आंकड़ों के मुताबिक, इस तरह समुद्री रास्तों से यूरोप जाने की कोशिश में हजारों शरणार्थियों की मौत हो चुकी है।
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एक आंकड़े के मुताबिक, सिर्फ जनवरी महीने में ग्रीक आइलैंड जाने की कोशिश में एजीन समुद्र में डूबकर 218 लोगों की मौत हो चुकी है।
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भले ही मौतों की संख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन शरणार्थियों के प्रति देशों की सहानभूति हाल फिलहाल में कम हो गई है। सभी देश शरणार्थियों को पनाह देने से जुड़े कानून कड़े करने में लगे हुए हैं।
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शरणार्थियों के प्रति सहानुभूति कम होने की एक वजह हाल ही में स्वीडन में पैदा हुआ संकट है। इसके एक उपनगरीय इलाकों में शरणार्थियों की वजह से खासी अव्यवस्था उत्पन्न हो गई है।
यूरोपीय देशों में बीते एक साल में दस लाख से ज्यादा शरणार्थी पहुंच चुके हैं। इस समयावधि में करीब 3600 लोगों की मौत हो चुकी है। -