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उत्तर कोरिया ने रविवार (3 सितंबर) को सफलतापूर्वक एक हाइड्रोजन बम का परीक्षण किया था, जिसे अंतरमहाद्विपीय बैलिस्टिक मिसाइल के जरिए दागा जा सकता है। उत्तर कोरिया का दावा है कि यह अधिक विकसित परमाणु अस्त्र है और किसी भी अन्य परमाणु बम से कहीं ज्यादा प्रभावशाली है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, बम की क्षमता 1945 में जापान हुए हमले से करीब 6 गुना ज्यादा है। इस घटनाक्रम के बाद परमाणु युद्ध की आशंकाएं बलवती हो गई हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट कर उत्तर कोरिया के इन शब्दों और गतिविधियों को अमेरिका के लिए शत्रुतापूर्ण और खतरनाक करार दिया था। अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच बढ़ती तनातनी और उसमें विश्व के बाकी देशों की संलिप्तता डरा रही है। अगर किसी भी सूरत में परमाणु बम दागा जाता है तो लाखों-करोड़ों जिंदगियां फिर तबाह होंगी, जैसे 6 अगस्त 1945 को जापान पर परमाणु हमले के बाद हुई थीं। (All Photos By: Hiroshima Peace Memorial Museum, US Army, AP)
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अमेरिकी बी-29 बमवर्षक ने 6 अगस्त, 1945 को ‘लिटिल ब्वाय’ नामक परमाणु बम हिरोशिमा पर गिराया था। यह घटना दूसरे विश्वयुद्ध के अंतिम चरणों में से एक है।
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परमाणु बम की तीव्रता इतनी थी कि आसपास की लगभग हर चीज जलकर खाक हो गई थी।
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बम के जरिए जमीनी स्तर पर लगभग 4,000 डिग्री सेल्सियस तक की गर्मी पहुंची थी, जो कि स्टील को पिघलाने के लिए काफी होती है।
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हमले में लगभग 1.4 लाख लोग मारे गए थे। इनमें वे लोग भी शामिल हैं, जो बम हमले से तो बच गए थे लेकिन भारी विकिरण की चपेट में आने के कारण बाद में मर गए थे।
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पत्तन शहर नागासाकी पर भी नौ अगस्त को परमाणु बम से हमला बोला गया था। इसमें 70 हजार लोग मारे गए थे।
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कुछ दिन बाद 15 अगस्त 1945 को जापान ने आत्मसमर्पण कर दिया था और युद्ध समाप्त हो गया था। आगे की तस्वीरें हमले के पीड़ितों की हैं, जो आपको विचलित कर सकती हैं।
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