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राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली इन दिनों बाढ़ से जूझ रही है। यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। (PTI Photo)
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गुरुवार सुबह पुराने रेलवे ब्रिज पर पानी का स्तर 207.48 मीटर दर्ज किया गया। (Express Photo by Tashi Tobgyal)
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इस तस्वीर में यमुना नदी का जलस्तर 207.48 मीटर होने और उफनती नदी के पानी से आस-पास के इलाकों में बाढ़ आने के बाद लोहा पुल (पुराने लोहे के पुल) का दृश्य आप देख सकते हैं। (PTI Photo)
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इस उफान ने निचले इलाकों—मजनू का टीला, यमुना बाजार, गीता कॉलोनी, मयूर विहार, कश्मीरी गेट और गढ़ी मांडू—को जलमग्न कर दिया है। (Express Photo by Tashi Tobgyal)
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यमुना नदी का पानी अब दिल्ली के रिहायशी इलाकों तक पहुंच गया है। (Express Photo by Tashi Tobgyal)
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नदी के उफान के कारण दिल्ली के कई निचले इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया है। (Express Photo by Tashi Tobgyal)
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दिल्ली के यमुना बाजार, मयूर विहार, गीता कॉलोनी और मजनू का टीला जैसे इलाकों में पानी घरों, गलियों और मंदिरों तक पहुंच गया है, जिससे भारी नुकसान हुआ है। (Express Photo by Tashi Tobgyal)
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यमुना नदी का बाढ़ का पानी दिल्ली सचिवालय के पास पहुंच गया है। इससे जलभराव हो गया है। (Express Photo by Tashi Tobgyal)
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भारी बारिश के बाद यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे शहर के कई इलाके जलमग्न हो गए हैं। (Express Photo by Tashi Tobgyal)
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हजारों लोग अस्थाई राहत शिविरों में शरण ले रहे हैं। (Express Photo by Tashi Tobgyal)
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यातायात बाधित है, दिल्ली सचिवालय और कई सरकारी दफ्तरों के आसपास भी पानी घुस चुका है। मेट्रो स्टेशन तक जाने वाले रास्ते बंद हैं। (Express Photo by Tashi Tobgyal)
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अब तक 14,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है। राहत और बचाव कार्य जारी हैं। (Express photo by Abhinav Saha)
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आईटीओ, मयूर विहार और गीता कॉलोनी में राहत शिविर स्थापित किए गए हैं, हालांकि कुछ जगहों पर ये शिविर भी जलमग्न हो गए हैं। (Express Photo by Tashi Tobgyal)
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दिल्ली में बाढ़ का यह दृश्य लोगों को 1978 की सबसे भयावह बाढ़ की याद दिला रहा है। (Express Photo by Tashi Tobgyal)
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सितंबर 1978 में भारी बारिश और हिमालय से तेज बहाव ने यमुना को उफान पर ला दिया था। (PTI Photo)
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उस वक्त यमुना का जलस्तर 207.49 मीटर तक पहुंच गया था। रातों-रात पानी घरों तक घुस गया, लोग अपनी छतों पर शरण लेने को मजबूर हो गए। (PTI Photo)
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हजारों घर बह गए और करीब 3.5 लाख लोग प्रभावित हुए। (PTI Photo)
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लाल किला, राजघाट, आईटीओ और यमुना पार के इलाके पानी में डूब गए। (PTI Photo)
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उस समय भी प्रशासन को नावों और ट्रैक्टरों से लोगों को निकालना पड़ा। (PTI Photo)
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सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 1978 की बाढ़ में 18 लोगों की मौत हुई और लाखों बेघर हुए। (Express Photo by Tashi Tobgyal)
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कई दिनों तक रेल और सड़क यातायात बाधित रहा। यही वह बाढ़ थी जिसने दिल्ली को यह सिखाया कि यमुना नदी को कभी हल्के में नहीं लेना चाहिए (PTI Photo)
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इसी के बाद बाढ़ नियंत्रण योजनाओं पर गंभीरता से काम शुरू हुआ और तटबंधों को मजबूत किया गया। (Express Photo by Tashi Tobgyal)
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2025 की बाढ़ भी उसी आपदा की याद दिला रही है। दिल्ली और आसपास के लोग एक बार फिर नदी के कहर का सामना कर रहे हैं। (Express Photo by Tashi Tobgyal)
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हालांकि प्रशासन का कहना है कि पानी का स्तर धीरे-धीरे कम होने की उम्मीद है, मगर बाढ़ग्रस्त इलाकों में हालात सामान्य होने में समय लग सकता है। (PTI Photo)
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यमुना का यह उफान एक बार फिर साफ कर रहा है कि प्रकृति के सामने इंसानी तैयारियां अक्सर नाकाफी साबित हो जाती हैं। (Express Photo by Tashi Tobgyal)
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