उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के कद्दावर नेता कल्याण सिंह का बीते शनिवार को लंबी बिमारी के बाद निधन हो गया। उन्होंने देश की राजनीति में अपनी एक अमीट छाप छोड़ी है। कल्याण सिंह की गिनती राजनीति के धुरंधरों में की जाती थी। कल्याण सिंह ने 2009 लोकसभा चुनाव से पहले सपा के साथ हाथ मिलाया था। एक वक्त था जब मुलायम सिंह यादव कल्याण सिंह के लिए चुनावी रैलियों को संबोधित किया करते थे। हालांकि उन्हें बाद में कल्याण सिंह से हाथ मिलाने को लेकर पछतावा हुआ था और उन्होंने कहा था कि कल्याण सिंह से हाथ मिलाना मेरी सबसे बड़ी गलती थी। आज बात हम इसी किस्से पर करेंगे और जानेंगे कि आखिर क्या वजह थी जो मुलायम सिंह यादव ने कल्याण सिंह से हाथ मिलाने को एक भूल माना। समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव को एक वक्त पर इस बात का बहुत पछतावा हुआ था कि उन्होंने बीजेपी के दिवंगत नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह से हाथ मिलाया था। इस बात का खुलासा उन्होंने खुद किया था। एक समारोह को संबोधित करते हुए मुलायम सिंह यादव ने कहा था कि बीजेपी नेता और यूपी के पूर्व सीएम कल्याण सिंह से हाथ मिलाना मेरी सबसे बड़ी गलती थी। बता दें कि 2009 लोकसभा चुनाव से पहले कल्याण सिंह समाजवादी पार्टी में शामिल हुए थे। कल्याण सिंह से हाथ मिलाने को लेकर मुलायम सिंह यादव को पार्टी के भीतर मतभेदों का सामना करना पड़ा था। इसे लेकर मुलायम सिंह यादव ने माफी भी मांगी थी। मुलायम सिंह यादव ने कहा था कि इसकी वजह पार्टी को भारी नुकसान हुआ था, जिसके चलते मैंने उनसे अपना रिश्ता खत्म कर लिया था। -
6 दिसंबर, 1992 को अयोध्या में बाबरी ढांचे के विध्वंस के दौरान कल्याण सिंह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। इसे लेकर मुलायम सिंह यादव ने कहा था मैं मानता हूं कि बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले के आरोपी नेता के साथ गठबंधन करना मेरी सबसे बड़ी गलती थी।
बता दें कि साल 2002 में बीजेपी से अलग होने के बाद कल्याण सिंह ने अपनी अलग पार्टी राष्ट्रीय क्रांति पार्टी का गठन किया था। इसके बाद 2009 लोकसभा चुनाव से पहले सपा और राष्ट्रीय क्रांति पार्टी ने हाथ मिला लिया था। (All Images: Indian Express Archieve)
