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तहव्वुर हुसैन राणा का नाम 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के बाद दुनियाभर की सुर्खियों में आया। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह वही शख्स है जो कभी पाकिस्तान की आर्मी में डॉक्टर था और बाद में कनाडा में बिजनेस मैन बनकर रह रहा था? तहव्वुर राणा की कहानी एक ऐसे व्यक्ति की है, जिसने पढ़ाई-लिखाई और सेना की सेवा के बाद आतंक के रास्ते को चुना। (ANI Photo)
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कौन है तहव्वुर राणा?
तहव्वुर हुसैन राणा एक पाकिस्तानी-कनाडाई नागरिक है, जो आतंकवाद से जुड़े मामलों में दोषी पाया गया है। उसका नाम लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठन से जुड़ा है और वह 2008 के मुंबई हमलों व 2009 में डेनमार्क के अखबार Jyllands-Posten पर हमले की साजिश में भी शामिल रहा है। (ANI Photo) -
शिक्षा और सैन्य करियर
राणा का जन्म 12 जनवरी 1961 को पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के चिचावतनी शहर में हुआ था। वह एक मुस्लिम राजपूत परिवार से ताल्लुक रखता है। उसने पाकिस्तान के प्रतिष्ठित कैडेट कॉलेज हसन अब्दाल से पढ़ाई की, जहां उसकी मुलाकात अमेरिकी नागरिक और बाद में सह-साजिशकर्ता बने डेविड हेडली से हुई। (PTI Photo) -
आगे चलकर तहव्वुर ने मेडिसिन की पढ़ाई की और पाकिस्तान आर्मी मेडिकल कॉर्प्स में कैप्टन रैंक पर जनरल ड्यूटी प्रैक्टिशनर के तौर पर सेवा दी। यहीं से उसके करियर की एक सम्मानजनक शुरुआत हुई थी। (PTI Photo)
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परिवार
राणा के पिता एक स्कूल प्रिंसिपल थे और परिवार का शैक्षणिक व पेशेवर रुतबा काफी मजबूत रहा है। उसका एक भाई पाकिस्तानी सेना में मनोचिकित्सक और लेखक है, जबकि दूसरा कनाडा की एक राजनीतिक अखबार The Hill Times में पत्रकार है। राणा शिकागो में गुमनाम जीवन जी रहा था और अपने बच्चों और पड़ोसियों से उसकी बातचीत बहुत सीमित थी। (PTI Photo) -
कनाडा में नई जिंदगी और बिजनेस
1997 में राणा अपनी पत्नी के साथ कनाडा चला गया। दोनों ने 2001 में कनाडाई नागरिकता प्राप्त की और बाद में शिकागो (अमेरिका) में बस गए। वहां तहव्वुर ने First World Immigration Services नाम की एक इमिग्रेशन कंसल्टेंसी खोली, जिसकी शाखाएं न्यूयॉर्क और टोरंटो में भी थीं। इसके अलावा उसने एक हलील स्लॉटरहाउस भी खोला, जहां इस्लामिक नियमों के अनुसार जानवरों की कुर्बानी दी जाती थी। (PTI Photo) -
आतंकवाद में संलिप्तता
2009 में अमेरिकी अधिकारियों ने तहव्वुर राणा को डेविड हेडली के साथ मिलकर आतंकवादी गतिविधियों की योजना बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया। मुंबई हमलों में 166 लोगों की जान गई थी, और डेनमार्क में भी हमला करने की साजिश नाकाम रही। (PTI Photo) -
हालांकि अमेरिका की एक अदालत ने राणा को मुंबई हमलों में सीधे शामिल होने से बरी कर दिया, लेकिन आतंकवाद को सहयोग देने, आतंकी योजनाओं में भागीदारी और डेविड हेडली की मदद करने के जुर्म में उसे 14 साल की सजा सुनाई गई। (PTI Photo)
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भारत को सौंपा गया तहव्वुर राणा
भारतीय एजेंसियों ने राणा के प्रत्यर्पण की लंबे समय से मांग की थी। आखिरकार, 2023 में अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट ने भारत को राणा के प्रत्यर्पण को मंज़ूरी दी, जिसे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फरवरी 2025 में आधिकारिक रूप से मंजूरी दी। 9 अप्रैल 2025 को राणा को भारत भेज दिया गया, जहां उसे मुंबई हमलों में उसकी भूमिका को लेकर NIA की हिरासत में लिया गया। (PTI Photo)
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