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मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) के परिवार में एक बार फिर से रार की चर्चा तेज हो गई है। कहा जा रहा है कि अखिलेश यादव (Akhilesh yadav) के चाचा शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) बीजेपी (BJP) का दामन थाम सकते हैं। हालांकि भारतीय राजनीति में चाचा भतीजे के बीच की तनातनी कोई नई बात नहीं है। इससे पहले भी देश की राजनीति में चाचा भतीजों के बीच तनातनी नजर आ चुकी है। आइए डालते हैं एक नजर:
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लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक राम विलास पासवान के निधन के बाद उनके भाई पशुपति पारस और बेटे चिराग पासवान के बीच काफी हंगामा हुआ। नतीजा यह हुआ कि लोजपा टूट गई। पशुपति पारस ने राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी बना ली तो चिराग ने लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) बनाई। (यह भी पढ़ें- चिराग की मां से फ्लाइट में हुई थी रामविलास पासवान की मुलाकात, इन नेताओं ने भी एयर होस्टेस से रचाई शादी)
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राज ठाकरे शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे के उत्तराधिकारी माने जाते थे। 2004 में बाल ठाकरे ने भतीजे राज को दरकिनार कर बेटे उद्धव को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया। 2006 में राज ठाकरे शिवसेना से अलग हो गए और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना नाम से अपनी पार्टी बना ली। (Photo: PTI)
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2013 में ओम प्रकाश चौटाला और उनके बड़े बेटे अजय चौटाला के जेल जाने के बाद अभय चौटाला ने इंडियन नेशनल लोकदल की कमान अपने हाथ में ले ली। 2014 में अजय के बेटे दुष्यंत ने राजनीति में एंट्री मारी। राजनीति में आने के बाद से ही दुष्यंत की अपने चाचा अभय चौटाला से अनबन शुरू हो गई। नतीजा ये हुआ कि 2018 में दुष्यंत ने आईएनएलडी से अलग होकर जननायक जनता पार्टी के नाम से अपनी पार्टी बना ली।
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पंजाब सरकार में मंत्री रहे मनप्रीत बाद प्रकाश सिंह बादल के भतीजे हैं। 2007 में प्रकाश सिंह बादल ने मनप्रीत को दरकिनार करते हुए बेटे सुखबीर को डिप्टी सीएम बना दिया। वहीं से मनप्रीत की अपने चाचा से नाराजगी शुरू हो गई। आगे चलकर मनप्रीत ने अपनी अलग पार्टी बना ली जो बाद में कांग्रेस में शामिल हो गई। (Photo: Indian Express)
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शरद पवार और उनके भतीजे अजीत पवार के बीच भी मतभेद देखा जा चुका है। दरअसल शरद पवार ने अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी अपनी बेटी सुप्रिया सुले को बना दिया था। अजीत की नाराजगी साल 2019 में दिखी जब उन्होंने अचानक बीजेपी को सपोर्ट कर महाराष्ट्र में उनकी सरकार बनवा दी। अजीत पवार ने कहा कि सब कुछ शरद पवार को पता था। वहीं शरद पवार का कहना था कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई। बाद में पवार की एनसीपी ने कांग्रेस को सपोर्ट किया और उसकी सरकार बनवाई। (यह भी पढ़ें- बेटी डॉक्टर तो दामाद IAS, जानिए क्या करते हैं शिवपाल यादव के परिवार के सदस्य) (Photo: Supriya Sule Facebook)