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क्षमता और काबिलियत के मामले में कोई लड़की किसी भी लड़के से कम नहीं है। इस बात को फिर एक बार साबित किया है देश की एक बेटी ने। इनका नाम है शालिजा धामी। इंडियन एयर फोर्स की विंग कमांडर शालिजा धामी ने वायुसेना की पहली महिला फ्लाइट कमांडर बनने का गौरव अपने नाम किया है। शालिजा पिछले 15 सालों से भारतीय वायुसेना को अपनी सेवाएं दे रही हैं। फ्लाइट कमांडर बन शालिजा ने गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर चेतक हेलिकॉप्टर यूनिट में ड्यूटी संभाली है। (Photo: @AvishekDhar/fb)
शालिजा धामी शादीशुदा हैं और उनका एक बेटा भी है। बेटे की उम्र 9 साल है। (Photo: ANI) शालिजा बचपन से ही पायलट बनना चाहती थीं। वायुसेना में अपने 15 साल के करियर में शालिजा चेतक और चीता जेसे हेलीकॉप्टरों को उड़ाया है। (Photo: ANI) -
शालिजा को 2300 घंटे की उड़ान का अनुभव है। इसी योग्यता के आधार पर वायुसेना ने उन्हें स्थाई कमीशन देने का फैसला किया। (Photo: @AvishekDhar/fb)
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बता दें कि 1994 में पहली बार भारतीय वायुसेना में महिलाओं को शामिल किया गया। शुरुआत में उन्हें नॉन-कॉम्बैट रोल दिया गया। लेकिन अपने संघर्ष से अब कॉम्बैट रोल्स भी हासिल कर लिए हैं।