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रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति पद की शपथ ले ली है। वह देश के 14वें राष्ट्रपति बन गए हैं। अब वह राष्ट्रपति भवन में रहेंगे। देखिए राष्ट्रपति भवन के अंदर की तस्वीरें –
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देश के प्रथम नागरिक और राष्ट्रपति के सरकारी आवास ''राष्ट्रपति भवन'' में नए राष्ट्रपति का आगमन होने वाला है। भारत का राष्ट्रपति भवन विश्व में किसी भी राष्ट्राध्यक्ष के घर से बड़ा है।(फोटो साभार- presidentofindia.nic.in)
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पहले इसे वाइसरॉय हाउस के नाम से जाना जाता था और इसमें भारत के तत्कालीन गवर्नर जनरल रहते थे। यह भवन का अशोका हॉल है। (फोटो साभार- presidentofindia.nic.in)
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कहा जाता है कि भारत के राष्ट्रपति उन कमरों में नहीं रहते, जहां वाइसरॉय रहते थे, बल्कि वे अतिथि-कक्ष में रहते हैं। भारत के प्रथम भारतीय गवर्नर जनरल श्री सी राजगोपालाचार्य ने अतिथि कमरे में रहना ही ठीक समझा था।यह भवन का दरबार हॉल है। (फोटो साभार- presidentofindia.nic.in)
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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार राष्ट्रपति भवन में 750 कर्मचारी कार्यरत है।(फोटो साभार- presidentofindia.nic.in)
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इसमें खेलने के लिए भी कई खेलों के ग्राउंड है। (फोटो साभार- presidentofindia.nic.in)
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राष्ट्रपति भवन के पीछे मुगल गार्डन है, जहां विश्वभर के रंग-बिरंगे फूलों की छटा देखने को मिलती है। यह फरवरी में आम नागरिकों के लिए भी खोला जाता है। (फोटो साभार- presidentofindia.nic.in)
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भवन पर गुम्बद भारतीय और ब्रिटिश शैलियों का मिश्रण है। केन्द्र में एक ऊंचा ताम्र गुम्बद है, जो कि एक समग्र इमारत से अलग दिखाई देता है और एक ऊंचे ढ़ोलाकार या बेलनाकार ढांचे के ऊपर स्थित है। (फोटो साभार- presidentofindia.nic.in)
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ब्रिटिश वास्तुकार सर एड्विन लैंडसियर लूट्यन्स (नगर योजना के प्रमुख सदस्य) को इस इमारत स्थल की अभिकल्पना का कार्यभार सौंपा गया था। यह नॉर्थ ड्राइंग रुम है। (फोटो साभार- presidentofindia.nic.in)
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भवन सड़क से थोड़ी ऊंचाई पर बनाया गया है, जिससे कि यह आसानी से दिख सके। इसे यैलो ड्राइंग रुम कहते हैं। (फोटो साभार- presidentofindia.nic.in)
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जयपुर स्तंभ- भवन के सामने ही जयपुर स्तंभ खड़ा है, जिसके शिखर पर तत्कालीन जयपुर के महाराजा द्वारा भारत सरकार को शुभकामना स्वरूप भेजा हुआ कमल लगा हुआ है। (फोटो साभार- presidentofindia.nic.in)
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कहा जाता है कि भारत के राष्ट्रपति उन कमरों में नहीं रहते, जहां वाइसरॉय रहते थे, बल्कि वे अतिथि-कक्ष में रहते हैं। भारत के प्रथम भारतीय गवर्नर जनरल श्री सी राजगोपालाचार्य ने अतिथि कमरे में रहना ही ठीक समझा था। (फोटो साभार- presidentofindia.nic.in)
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भवन पर गुम्बद भारतीय और ब्रिटिश शैलियों का मिश्रण है। केन्द्र में एक ऊंचा ताम्र गुम्बद है, जो कि एक समग्र इमारत से अलग दिखाई देता है और एक ऊंचे ढ़ोलाकार या बेलनाकार ढांचे के ऊपर स्थित है। (फोटो साभार- presidentofindia.nic.in)
2 लाख वर्ग फुट में बने इस भवन में 70 करोड़ ईंटें और 30 लाख क्यूविक फुट पत्थर का इस्तेमाल किया गया है। यह भवन का मार्बल हॉल है। (फोटो साभार- presidentofindia.nic.in) -
इस भवन में लोहे का प्रयोग बहुत कम हुआ है। यह भवन का दरबार हॉल है। (फोटो साभार- presidentofindia.nic.in)
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बता दें कि इस घर में 340 कमरे हैं और कई हॉल, गार्डन और कई सेक्शन हैं। यह बनाने में करीब 17 साल का वक्त लगा था। यह भवन का दरबार हॉल है। (फोटो साभार- presidentofindia.nic.in)
