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पिछले दो साल में ऐसा क्या हो गया कि हर फिल्म को ट्राइब्यूनल में जाकर क्लियर करवाना पड़ रहा है। मेरी समझ में नहीं आ रहा कि आम आदमी पार्टी से पैसे लेने के आरोप पर क्या कहूं? : अनुराग कश्यप (फिल्म के निर्माता)
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हम सभी को उस संदेश का समर्थन करना चाहिए जो यह फिल्म देती है। : शाहिद कपूर (फिल्म के लीड अभिनेता)
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हम अपने देश का सऊदी अरब नहीं बना सकते जहां के समाज में कोई अाजाद ख्याल नहीं हैं। : महेश भटट
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मैं मंत्रालय से अपील करता हूं कि वह पहलाज निहलानी को हटा दें। वह सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष पद के लायक नहीं हैं। : मुकेश भटट
मुझे पीएम का चमचा कहे जाने से कोई दिक्कत नहीं है। अगर मैं अपने पीएम का चमचा नहीं बनूंगा तो क्या इटली के पीएम की चमचागिरी करूं? उन्हें अपनी फिल्में बनानी चाहिए, किसी के इस्तीफे के बारे में चिंता ना करें। पहलाज निहलानी (मुकेश के बयान पर) -
मैं इस मुद्दे से वाकिफ नहीं हूं लेकिन कहना चाहूंगा कि क्रिएटिविटी को मत मारो, इससे हमारी आत्मा मर जाती है। : अमिताभ बच्चन
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सेंसरशिप या फिल्म पर कैंची चलाने की देश में कोई जगह नहीं होनी चाहिए। सेंसर करने की जगह हमें फिल्म को रेट करना चाहिए। : राकेश ओमप्रकाश मेहरा
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नॉर्मली फिल्म इंडस्ट्री चुपचाप समर्थन करती हैं, पहली बार हमें किसी मुद्दे पर सामने आना पड़ा है। : सतीश कौशिक
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हम जो फिल्में बनाते हैं, वे समाज पर आधारित होती हैं। हम कल्पना पर फिल्में नहीं बनाते। : राहुल ढोलकिया
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मैं पहलाज निहलानी से उनके बयान (अनुराग द्वारा आप से पैसे लेने के आरोप) के लिए माफी की मांग करता हूं, यह पूरी फिल्म इंडस्ट्री की बेइज्जती है। अगर किसी को किसी राज्य के नाम को नहीं लेना है, तो क्या नाम रखे? उड़ता मार्च और सैटर्न? : अशोक पंडित (सेंसर बोर्ड सदस्य)