
उत्तर पूर्वी दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और एनआरसी (NRC) को लेकर भड़की हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। तीसरे दिन भी कई इलाकों में हिंसा जारी है। ये हिंसा साम्प्रदायिक रंग ले चुकी है। हिंसा भड़काने में सोशल मीडिया की भी भूमिका रही है। लेकिन, सोशल मीडिया के जरिए एक महिला की जान बचाए जाने का भी मामला सामने आया है। यह जानकारी एक फेसबुक पोस्ट के जरिए सामने आई है। मोहम्मद अनस नाम के एक फेसबुक यूजर ने मंगलवार (25 फरवरी) को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर 11.27 बजे लिखा- मेरे एक बहुत ही करीबी दोस्त का परिवार अकेला हिंदू परिवार है मुस्लिम मोहल्ले में। उनके घर पर माँ अकेली हैं। साठ वर्ष से अधिक उनकी आयु है। पिछले तीस सालों से मुस्तफाबाद में रह रहा है परिवार। अभी थोड़ी देर पहले उनके घर पर अटैक हुआ है। मेरी मुस्तफाबाद में रहने वालों से अपील है कि उन्हें बख्स दें। ऐसा न करें। उनका कोई कसूर नहीं है। यह बहुत ही गलत बात है। मुस्तफाबाद के लोग यदि मेरा पोस्ट पढ़ रहे हैं तो उनकी सुरक्षा करें। हाथ जोड़ कर विनती है मेरी। दिल्ली में रह रहे दोस्त इस पोस्ट को वॉयरल करें। जैसे भी हो उनकी हिफाज़त कीजिए। -
केवल आधे घंटे बाद (12.07 बजे) उन्होंने महिला को सुरक्षित निकाल लेने की जानकारी दी। 1.31 बजे इसी पोस्ट पर कमेंट कर मोमिन सैफी ने जानकारी दी कि वह (महिला) सुरक्षित हैं और मेरे पास हैं। उन्होंने कमेंट बॉक्स में उस महिला की तस्वीर भी पोस्ट की। इस पोस्ट पर जहां लोग तारीफ भरे कमेंट कर रहे हैं, वहीं कुछ इसे गलत और प्रचार पाने का हथकंडा भी बता रहे हैं।
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कुछ का कहना है कि महिला को यह पोस्ट लिखे जाने से पहले ही सुरक्षित बचा लिया गया था।
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नागरिकता संशोधित कानूून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों और इस कानून के समर्थकों के बीच हिंसा भड़कने से 24 और 25 फरवरी की शाम आठ बजे तक 11 लोगों की मौत हो गई हैं। हिंंसा से जुड़ी तस्वीरें भयावह हैं। आगे देखिए कुछ तस्वीरें।
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दिल्ली में कानून व्यवस्था बहाल करने के लिए मंगलवार को दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और देश के गृहमंत्री अमित शाह के बीच बैठक हुई। इस घटना के बाद से पुलिस सक्रिय है और किसी भी अफवाह पर ऐतबार नहीं करने की हिदायत दी है।
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इस तस्वीर में सीएए के समर्थन में उतरे कुछ लोग सीएए का विरोध कर रहे एक शख्स को लाठी-डंडों से पीट रहे हैं।
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इस तस्वीर में उपद्रवियों की भीड़ से निकला शाहरुख नाम का एक शख्स सरेआम पिस्तौल लहराते हुए फायरिंग कर रहा है।
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जाफराबाद के रहने वाले शाहरुख ने वहां तैनात एक पुलिस वाले पर भी बंदूक तान दी थी। पुलिस वाले के करीब आने पर उसने ट्रिगर भी दबा दिया। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है।
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ये तस्वीर दिल्ली पुलिस के हेड कॉन्सटेबल रतन लाल की है। 24 फरवरी को हुई हिंसा में उपद्रवियों ने रतनलाल की जान ले ली। उनके अलावा चार और लोग मारे गए। इनके नाम फुरकान, शाहिद और राहुल बताए गए। चौथे की पहचान सोमवार शाम तक नहीं हो सकी थी। मंगलवार शाम छह बजे तक मरने वालों की संख्या दस हो गई।
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बुखार होने पर भी ड्यूटी कर रहे थे दिल्ली हिंसा में मारे गए हेड कॉन्स्टेबल रतनलाल।(फोटो-सोशल मीडिया)