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चेतन चौहान को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टैक्नोलॉजी का चेयरमैन बनाए जाने का केंद्र सरकार का फैसला विवादों में है। चौहान की नियुक्ति पर सवाल उठाए जा रहे हैं। चौहान पूर्व क्रिकेटर हैं और बीसीसीआर्इ से जुड़े हुए हैं। उनका फैशन इंडस्ट्री से कोई लेना-देना नहीं है। बावजूद इसके उन्हें फैशन इंस्टीट्यूट का मुखिया बनाए जाने पर ना केवल विपक्ष बल्कि कई लोग सवाल उठा रहे हैं। चौहान की नियुक्ति के साथ ही मोदी सरकार में सरकारी संस्थानों में नियुक्तियों में विवाद का जिन्न फिर से उठ खड़ा हुआ है। आइए नजर डालते हैं मोदी सरकार में हुई नियुक्तियों और उनके विवादों पर:
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गजेंद्र चौहान(एफटीआईआई): चौहान ने टीवी में लंबे समय तक काम किया। महाभारत में अर्जुन की भूमिका से उन्हें लोकप्रियता मिली। उन्होंने कई बी ग्रेड की फिल्मों में भी काम किया। उन्हें जब फिल्म एंड टेलीफोन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया का चेयरमैन बनाया गया तो संस्थान के छात्र विरोध में खड़े हो गए। यहां तक कि कई फिल्मी हस्तियों जैसे अनुपम खेर, किरण राव, अडूर गोपालकृष्णन और अमोल पालेकर ने इस नियुक्ति का विरोध किया। सिनेमेटोग्राफर संतोष सीवान, एक्टर पल्लवी जोशी और निदेशक जॉन बरुआ ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया। लंबे समय तक विरोध-प्रदर्शन के बावजूद सरकार चौहान के साथ डटी रही।
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पहलाज निहलानी (सीबीएफसी): निहलानी को जनवरी 2015 में केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड का मुखिया बनाया गया। निहलानी को नरेंद्र मोदी का समर्थक माना जाता है। 2014 में लोकसभा चुनावों के समय निहलानी ने मोदी के लिए 'हर हर मोदी, हर घर मोदी' अभियान चलाया था। निहलानी की नियुक्ति को उनके मोदी प्रेम का ईनाम कहा गया। सेंसर बोर्ड प्रमुख बनने के बाद उन्होंने 28 शब्दों की एक लिस्ट जार कर इन्हें फिल्मों से प्रतिबंधित कर दिया। इन शब्दों में बॉम्बे और लेस्बियन भी शामिल थे। कई फि ल्मों को ए सर्टिफिकेट देने और कट्स को लेकर भी निहलानी विवादों में रहे हैं।
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बलदेव शर्मा(नेशनल बुक ट्रस्ट): शर्मा आरएसएस के मुखपत्र पांचजन्य के पूर्व एडिटर हैं। उन्हें मार्च 2014 में एनबीटी का चेयरमैन बनाया गया। खबरों के अनुसार सरकार ने पूर्व चेयरमैन ए सेतुमाधवन को कार्यकाल पूरा होने से पहले ही पद से हटने को कह दिया था। एनबीटी स्वायत्त संस्था है और मानव संसाधन मंत्रालय के अंतर्गत आती है।
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लोकेश चंद्रा(आईसीसीआर): चंद्रा को अक्टूबर 2014 में इंडियन काउंसिल फॉर कल्चरल रिलेशंस का प्रमुख बनाया गया। उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस को इंटरव्यू में बताया था कि पीएम मोदी भगवान है और गांधी से महान है। नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन ने चंद्रा की नियुक्ति पर सवाल उठाया। चंद्रा की नियुक्ति विदेश मंत्रालय की ओर से की गई।
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वाई सुदर्शन राव(आईसीएचआर): राव को जब इंडियन काउंसिल ऑफ हिस्टोरिकल रिसर्च का चेयरपर्सन बनाया गया तो कई नामचीन इतिहासकारों ने सवाल उठाए। मशहूर इतिहासकार रोमिला थापर ने कहा कि राव के काम को लेकर कई इतिहासकारों को जानकारी नहीं है। राव आरएसएस से संबंध रखते हैं। वे आरएसएस की सहयोगी अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना के आंध्र प्रदेश चैप्टर के प्रमुख हैं।
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पुलिस आरोपी छात्रों की तलाश कर रही है।
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रघुराम राजन(आरबीआई): नियुक्तियों को लेकर विवादों में रहने वाली मोदी सरकार पर अब एक योग्य व्यक्ति को पद छोड़कर जाने देने का आरोप लगा है। राजन ने कहा कि वे दोबारा आरबीआई गवर्नर नहीं बनेंगे। विपक्ष का कहना है कि सरकार ने राजन को पद छोड़ने के लिए मजबूर किया। राजन के जाने से देश एक योग्य व्यक्ति को खो रहा है। बता दें कि पिछले महीने से भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी लगातार राजन पर हमले कर रहे थे।
