-
देश आम चुनाव के मुहाने पर खड़ा है। हर जगह चुनावी चक्कलस चल रही है। नेता भी चुनावी नारों और जुमलों से जनता को लुभाने की भरपूर कोशिश कर रहे हैं। ऐसा ही एक नारा है जिसे पीएम नरेंद्र मोदी ने दिया- मैं भी चौकीदार। आते ही इस नारे पर खूब बहस छिड़ी। जहां बीजेपी समर्थित लोगों ने सोशल मीडिया में अपने नाम के आगे चौकीदार लगाना शुरू कर दिया तो वहीं कुछ लोग असली चौकीदारों की परेशानियों को गिनाने लगें। बहरहाल आपको बता दें कि देश भर के चौकीदारों के परिवार की गिनती की जाए तो लगभग 2 करोड़ वोटर्स निकलकर सामने आएंगे। चुनाव में चौकीदार पर चर्चा के बीच आइए जानते हैं देश में क्या है चौकीदारों की स्थिति। (All Pics- jansatta)
भारत में प्राइवेट सिक्योरिटी इंडस्ट्री की बात करें तो यहां लगभग 89 लाख चौकीदार काम करते हैं। अंदाजा लगाया गया है कि ये आंकाड़ा 2022 तक लगभग सवा करोड़ पहुंच जाएगा। दिलचस्प बात ये है कि भारत में प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड्स की संख्या पुलिस वालों से 5 गुना ज्यादा है। चौकीदारों की तुलना में पुलिसवालों की संख्या लगभग 19 लाख है (2016 तक)। भारत में पुलिसकर्मी और चौकीदारों की संख्या का जो अनुपात है वो दुनिया में सबसे ज्यादा है। भारत में ये अनुपात 83:17 का है। मतलब 83 चौकीदारों के मुकाबले 17 पुलिसकर्मी हैं। भारत के बाद साउथ अफ्रीका दूसरे नंबर पर है। वहां ये अनुपात 71:29 का है। जर्मनी में ये आंकड़ा 50:50 का है। आंकड़े बताते हैं कि चौकीदारों की कुल संख्या का 90% असंगठित क्षेत्र से है। केवल 10 प्रतिशत चौकीदार ही संगठित क्षेत्र में काम करते हैं। -
सबसे ज्यादा चौकीदार यूपी, बिहार, मध्यप्रदेश और असम से आते हैं। इन राज्यों के लोग चौकीदारी में सबसे ज्यादा हैं। (ऊपर दिए सारे आंकड़े Ficci, PwC, E&Y,IIIT,media reports के आधार पर दिए गए हैं)