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नागरिकता संशोधन कानून (CAA) पर जामिया और शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी पीछे हटते नहीं दिख रहे हैं। सोमवार 10 फरवरी को जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों और जामिया नगर के निवासियों ने CAA के विरोध में संसद तक पैदल मार्च निकाला। मार्च कर रहे लोगों की पुलिस से भिड़ंत हो गई। प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। जामिया की छात्राओं का आरोप है कि पुलिस ने उनके साथ बेहद बर्बरता की वहीं दिल्ली पुलिस ने इन आरोपों से इनकार किया है।
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सोशल मीडिया में इस मार्च के बाद घायल छात्राओं की तस्वीरें वायरल हो रही हैं।
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तस्वीरों पर सोशल मीडिया में लोगों की तीखी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।
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लोग लिख रहे हैं कि ये जो लड़कियां रोती-चीखती दिख रही हैं ये जामिया की छात्राएं नहीं हमारा लोकतंत्र है जिसे सरकार के इशारों पर पुलिस ने रौंदा है।
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लोग लिख रहे हैं कि क्या ये छात्राएं कोई आतंकी हैं कि इनके साथ इस कदर ज्यादती की गई।
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दरअसल घायल छात्राओं का आरोप है कि पुलिस ने उनके प्राइवेट पार्ट पर चोट पहुंचाई।
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टीवी चैनल इंडिया टुडे से बातचीत के दौरान एक छात्रा ने कहा कि एक महिला पुलिसकर्मी ने उसका बुर्का हटाया और लाठी से उसके प्राइवेट पार्ट पर वार किया।
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पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच इस भिड़ंत में करीब 27 लोगों के जख्मी होने की खबर है।
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कुछ प्रदर्शनकारियों को गंभीर चोटे आई हैं जिन्हें अल शिफा हॉस्पिटल के आईसीयू में भर्ती कराया गया।
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छायल छात्राओं की तस्वीरें शेयर करते हुए लोग लिख रहे हैं कि ऐसी घटनाओं पर भी अगर आवाज ना उठाई गई तो कल हम सबके साथ ऐसा ही होगा।
