
गुजरात की पहली महिला मुख्यमंत्री आनंदी बेन पटेल ने अपना इस्तीफा भेज दिया है। उनके इस्तीफे पर भाजपा का संसदीय बोर्ड फैसला लेगा और इसके बाद नए सीएम के नाम का एलान किया जाएगा। आनंदी बेन के इस्तीफा की अटकलें काफी समय से लगाई जा रही थी। उन्होंने अपने इस्तीफे में कहा कि अगले साल वाइब्रेंट गुजरात समिट से पहले वे नए सीएम को पर्याप्त समय देना चाहती हैं। साथ ही उनकी उम्र नवंबर में 75 साल होने जा रही है। इसके लिए नए चेहरे को मौका देना जरूरी है। आनंदी बेन के इस्तीफे पर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि संसदीय बोर्ड इस पर फैसला लेगा। बताया जा रहा है कि दो-तीन दिन में इस पर फैसला ले लिया जाएगा। सीएम पद की दौड़ में कई नाम है लेकिन सूत्रों का कहना है कि मोदी सबको चौंकाते हुए किसी नए चेहरे को आगे कर सकते हैं। आइए जानते हैं कौन-कौन है सीएम बनने के दावेदार: -
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह।
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पुरुषोत्तम रुपाला: भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने तब सीएम पद के तगड़े दावेदार थे। हालांकि मोदी ने उस समय रुपाला की प्रतिद्वंदी आनंदीबेन को चुना। स्कूल टीचर से राजनेता बने रुपाला कडवा पटेल समुदाय से आते हैं और सौराष्ट्र से ताल्लुक रखते हैं। गुजरात भाजपा में भाषण देने के मामले में मोदी के बाद उन्हीं का नंबर आता है। माना जा रहा है कि पाटीदार आंदोलन के बीच अगर उन्हें सीएम बनाया जाता है तो भाजपा अपने कोर वोटर का भरोसा फिर से जीत सकती है।
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भीखूभाई दलसानिया: गुजरात भाजपा के महासचिव दलसानिया मोदी के समय से ही पार्टी के सबसे ताकतवर नेताओं में से एक हैं। हालांकि पार्टी के बाहर उन्हें बहुत कम लोग जानते हैं। वे आरएसएस से आते हैं और संघ और भाजपा के बीच पुल का काम करते हैं। जिस तरह से साल 2001 में मोदी बिना किसी अनुभव के सीएम बने थे उसी प्रकार से दलसानिया भी छुपे रूस्तम साबित हो सकते हैं। वे अभी भी संघ में काम करते हैं।
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नितिन पटेल: गुजरात के स्वास्थ्य और परिवार मंत्री नितिन पटेल वर्तमान में गुजरात कैबिनेट में नंबर दो की हैसियत रखते हैं। सीएम पद की रेस में वे सबसे आगे हैं। पटेल के पास मंत्री रहने का लगभग दो दशक का अनुभव है। प्रधानमंत्री मोदी के साथ ही अमित शाह भी नितिन पटेल पर भरोसा करते हैं। पाटीदार आंदोलन से निपटने की जिम्मेदारी उन्हें ही दी गई थी। वे कडव पटेल समुदाय से आते हैं। औद्योगिक पृष्ठभूमि से आए नितिन की आरएसएस में भी अच्छी पैठ है।
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शंकर चौधरी: वे उत्तरी गुजरात से आते हैं और ओबीसी नेता हैं। वे स्वास्थ्य और नगरीय विकास राज्य मंत्री हैं। अगर भाजपा ओबीसी चेहरे को सीएम पद के लिए चुनती है तो शंकर चौधरी का नंबर लग सकता है।
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विजय रुपाणी: वर्तमान में गुजरात भाजपा अध्यक्ष रुपाणी साल 2014 में राजकोट विधानसभा के उपचुनाव को जीतकर पहली बार विधायक बने थे। आनंदी बेन सरकार में उन्हें मंत्री भी बनाया गया। उन्हें गैर विवादित चेहरा माना जाता है। पार्टी कैडर में भी रुपाणी काफी लोकप्रिय हैं और उनकी अच्छी पकड़ है। हालांकि वे जैन समुदाय से आते हैं, इस वजह से उनकी दावेदारी कमजोर हो सकती है।