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दुनिया के कई देशों में जहां ईद उल्लास और खुशियों के साथ मनाई जा रही है, वहीं गाजा पट्टी में इस बार भी ईद सिर्फ नाम की रह गई है। इजराइल और हमास के बीच जारी युद्ध ने गाजा के लाखों लोगों की जिंदगियों को तहस-नहस कर दिया है। (Photo: REUTERS)
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जहां आमतौर पर ईद के दिन लोग नए कपड़े पहनकर, स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद लेते हुए अपने परिवार और दोस्तों के साथ खुशियां मनाते हैं, वहीं गाजा के लोग इस बार भी ईद को सिर्फ जिंदा रहने की जद्दोजहद में बिता रहे हैं। (Photo: REUTERS)
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ध्वस्त मस्जिदों के बाहर नमाज
गाजा में युद्ध के कारण हजारों इमारतें और मस्जिदें तबाह हो चुकी हैं। बावजूद इसके, फिलिस्तीनी मुसलमानों ने ईद की नमाज अदा करने के लिए हिम्मत नहीं हारी। (Photo: REUTERS) -
कई जगहों पर लोगों ने ध्वस्त मस्जिदों के मलबे के पास ही ईद की नमाज पढ़ी। यह नजारा किसी भी संवेदनशील व्यक्ति की आंखों में आंसू ला सकता है। (Photo: REUTERS)
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दुख और बेबसी की ईद
ईद, जिसे इस्लाम में खुशी और भाईचारे का प्रतीक माना जाता है, गाजा के लोगों के लिए दुख और तकलीफ की घड़ी बन गई है। रमजान के पवित्र महीने में जहां लोग रोजा रखकर अल्लाह की इबादत करते हैं और ईद पर उसे सेलिब्रेट करते हैं, वहीं गाजा के लोग इस बार भूख, तबाही और अपनों को खोने के गम में डूबे हुए हैं। (Photo: REUTERS) -
न्यूद एजेंसी AP के अनुसार, डेर अल-बलाह में एक फिलिस्तीनी शख्स आदिल अल-शायर ने ईद की नमाज के बाद कहा, “यह दुख की ईद है। हमने अपने प्रियजनों, अपने बच्चों, अपने जीवन और अपने भविष्य को खो दिया है।” (Photo: REUTERS)
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सईद अल-कुरद ने कहा, “यहां सिर्फ हत्या, विस्थापन, भूख और घेराबंदी है। हम बच्चों को खुश करने के लिए खुदा की इबादत अदा करने के लिए बाहर जाते हैं, लेकिन ईद की खुशी के लिए? यहां कोई ईद नहीं है।” (Photo: REUTERS)
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गाजा में भुखमरी और मानवीय संकट
इस्राइली हमलों के बीच गाजा में खाने-पीने की चीजों की भारी किल्लत हो गई है। युद्ध के चलते गाजा में खाद्य आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई है। इजराइल ने चार हफ्तों तक किसी भी मानवीय सहायता, भोजन और ईंधन को गाजा में आने से रोक दिया, जिससे हालात और भी भयावह हो गए हैं। (Photo: REUTERS) -
वहां के लोग भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं। ऐसे में ईद पर पकवान बनाना और परिवार के साथ बैठकर दावत करना, गाजा के लोगों के लिए एक अधूरी ख्वाहिश बन गई है। (Photo: REUTERS)
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युद्ध की भयावहता
गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, इस्राइली हमलों में अब तक 50,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं। (Photo: REUTERS) -
यह संघर्ष 7 अक्तूबर 2023 को तब शुरू हुआ, जब हमास ने इस्राइल पर हमला किया, जिसमें 1,200 से अधिक लोगों की मौत हुई और 251 लोगों का अपहरण कर लिया गया था। (Photo: REUTERS)
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इसके जवाब में इस्राइल ने गाजा पर भीषण बमबारी की, जिसमें हजारों निर्दोष नागरिक मारे गए और गाजा पूरी तरह से तबाह हो गया। (Photo: REUTERS)
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कब्रिस्तान में अपनों को याद कर रही ईद
गाजा में इस बार कई लोगों ने ईद की खुशियों के बजाय अपने प्रियजनों की कब्र पर जाकर उन्हें याद किया। जब पूरी दुनिया में लोग अपने परिवार के साथ इस त्योहार का आनंद ले रहे थे, तब गाजा के लोग अपने खोए हुए परिजनों की याद में आंसू बहा रहे थे। (Photo: REUTERS) -
क्या गाजा में कभी लौटेगी खुशी?
ईद को आमतौर पर प्रेम, भाईचारे और शांति का त्योहार माना जाता है, लेकिन गाजा के 20 लाख फिलिस्तीनी केवल जिंदा रहने की कोशिश कर रहे हैं। वहां हर तरफ सिर्फ मातम, दर्द और खामोशी पसरी हुई है। (Photo: REUTERS) -
सवाल यह उठता है कि क्या कभी गाजा में भी ईद की असली खुशियां लौट पाएंगी? क्या वहां के बच्चों को भी नए कपड़े, मिठाइयां और खिलौनों की खुशी मिल पाएगी? (Photo: REUTERS)
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