-
पूर्व राज्यपाल और वरिष्ठ राजनेता सत्यपाल मलिक का मंगलवार, 5 अगस्त 2025 को निधन हो गया। 79 वर्षीय सत्यपाल मलिक पिछले कुछ महीनों से गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे। (Photo Source: Express Archive)
-
उन्हें मई 2025 में दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनका इलाज चल रहा था। किडनी फेल होने और यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) की गंभीर स्थिति के कारण उन्होंने दोपहर 1 बजकर 12 मिनट पर अंतिम सांस ली। (Photo Source: Express Archive)
-
पेशाब में दर्द से शुरू हुई परेशानी
11 मई 2025 को मलिक को पेशाब में असहनीय दर्द की शिकायत के बाद अस्पताल ले जाया गया था। शुरुआती जांच में उन्हें यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन की पुष्टि हुई। (Photo Source: Express Archive) -
यह संक्रमण धीरे-धीरे गंभीर होता गया और उनकी दोनों किडनियों पर असर डालने लगा। किडनी फेल होने के बाद उन्हें डायलिसिस पर रखा गया। स्थिति बिगड़ती गई और अंततः उन्होंने जिंदगी की जंग हार दी। (Photo Source: Express Archive)
-
क्या होता है यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन?
यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन एक आम लेकिन गंभीर स्थिति हो सकती है। यह बैक्टीरिया के कारण होता है जो मूत्रमार्ग, मूत्राशय या कभी-कभी किडनी तक पहुंच जाता है। (Photo Source: Express Archive) -
अगर इस संक्रमण का इलाज समय पर न किया जाए, तो यह सेप्सिस या किडनी फेल्योर जैसी खतरनाक स्थिति का कारण बन सकता है। (Photo Source: Express Archive)
-
मलिक के मामले में भी यही हुआ — संक्रमण इतना बढ़ गया कि उनकी किडनियों ने काम करना बंद कर दिया। (Photo Source: Express Archive)
-
किडनी फेल होने के अन्य कारण
किडनी फेल्योर के पीछे कई वजहें हो सकती हैं। प्रमुख कारणों में क्रोनिक किडनी रोग, डायबिटीज, उच्च रक्तचाप, ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस, किडनी स्टोन, ऑटोसोमल डोमिनेंट पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज आदि शामिल हैं। (Photo Source: Express Archive) -
एक्यूट किडनी इंजरी के कारण भी अचानक किडनी की कार्यक्षमता में कमी आ सकती है। सत्यपाल मलिक के केस में संक्रमण के कारण उनकी किडनी पूरी तरह प्रभावित हुई। (Photo Source: Express Archive)
-
सत्यपाल मलिक का जीवन परिचय
सत्यपाल मलिक का जन्म 24 जुलाई 1946 को उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के हिसवाड़ा गांव में एक जाट परिवार में हुआ। उन्होंने मेरठ विश्वविद्यालय से विज्ञान में स्नातक और एलएलबी की डिग्री हासिल की। (Photo Source: Express Archive) -
1968-69 में मेरठ कॉलेज के छात्रसंघ अध्यक्ष के रूप में उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। वे उत्तर प्रदेश विधानसभा सदस्य, राज्यसभा सदस्य और लोकसभा सांसद रह चुके हैं। (Photo Source: Express Archive)
-
राज्यपाल के रूप में यादगार कार्यकाल
मलिक का कार्यकाल जम्मू-कश्मीर के अंतिम राज्यपाल के रूप में ऐतिहासिक रहा। अगस्त 2018 से अक्टूबर 2019 तक उनके कार्यकाल में अनुच्छेद 370 हटाया गया और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया गया। इसके बाद वे गोवा और मेघालय के राज्यपाल भी रहे। (Photo Source: Express Archive) -
उनके राजनीतिक जीवन में कई उतार-चढ़ाव और विवाद भी आए, लेकिन वे अपनी सादगी और जनहित की सोच के लिए याद किए जाते रहे। हाल के वर्षों में वे अपने बयानों और सरकार की आलोचना के चलते चर्चा में रहे। (Photo Source: Express Archive)
-
पुलवामा हमले और भ्रष्टाचार पर उनके खुलासों ने सुर्खियां बटोरीं। किरु जलविद्युत परियोजना में भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर सीबीआई ने उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी, जिसे उन्होंने बदले की कार्रवाई कहा था। (Photo Source: Express Archive)
(यह भी पढ़ें: सत्यपाल मलिक का विवादों से रहा गहरा नाता, एक-दो नहीं इतने राज्यों के रहे गवर्नर)