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उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा मायावती के वोट बैंक दलितों में सेंध लगाने में जुटी है। इसी कवायद के चलते भाजपा अध्यक्ष अमित शाह दलितों के साथ भोजन करने, सिंहस्थ में नहाने जैसे कदम उठा चुके हैं। शुनिवार(13 अगस्त) को भाजपा सांसद कौशल किशोर की ओर से आयोजित किए लंच में भी वे शामिल हुए। इस लंच में दलितों को भी बुलावा भेजा गया था। इस मुद्दे पर पार्टी विपक्ष के निशाने पर भी है। विपक्ष इसे नौटंकी करार दे रही है। रोचक बात है कि पिछले चुनावों के समय ऐसे ही कदम कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने उठाए थे हालांकि उन्हें कोई चुनावी फायदा नहीं हुआ। उत्तर प्रदेश में दलितों की आबादी 17 प्रतिशत है। दो साल पहले हुए लोकसभा चुनावों में भाजपा ने 42 फीसदी वोट हासिल किए थे जबकि पांच साल पहले विधानसभा चुनावों में उसे केवल 15 प्रतिशत मत मिले थे। अमित शाह और भाजपा को कितना लाभ मिलता है ये भविष्य के गर्भ में हैं। (Photo:PTI)
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राहुल गांधी ने अक्टूबर 2011 में झांसी में एक दलित घर पर खाना खाया था। साथ ही वे वहां पर दो घंटे के ठहरे भी थे। इससे पहले साल 2009 में उन्होंने बाराबंकी में छेदी पासी नाम के एक दलित के घर खाना खाया था। उस समय वे रात को वहां ठहरे भी थे। उस समय यूपी की सीएम मायावती थी। राहुल की हरकतों ने मायावती को काफी परेशान किया था जबकि भाजपा ने मजाक उड़ाया था। (Photo:PTI)
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जब राहुल गांधी दलितों के साथ खाना खाने, रात को उनके घर पर ठहरने में व्यस्त थे, उस समय के भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी ने उनका काफी मजाक बनाया था। उन्होंने कहा था कि वे दिखावे में विश्वास नहीं करते। इंदौर जाते समय अंबेडकर की जन्मस्थली महू में उन्होंने एक दलित घर में डिनर किया था। इस बारे में उन्होंने कहा था, ''मैंने शर्त रखी थी कि वहां पर मीडिया का कोई व्यक्ति मौजूद नहीं होगा।''
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नितिन गडकरी से उलट अमित शाह दलितों के पास जाने का पहले से एलान करते हैं। साथ ही फोटो खिंचाने के साथ ही उसे ज्यादा से ज्यादा प्रचारित व प्रसारित करने की रणनीति अपनाते हैं। उन्होंने ने इसी साल मई महीने में सेवापुरी विधानसभा क्षेत्र के जोगियापुर गांव में गिरजाप्रसाद बिंद और इकबाल बिंद के घर पर खाना खाया था। उनके साथ कई अन्य भाजपा नेता भी शामिल हुए थे। इस दौरान विपक्ष ने अमित शाह पर निशाना साधा था। कांग्रेस, सपा और बसपा ने इस नौटंकी करार दिया था। (Photo:PTI)
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अमित शाह ने मई महीने में ही मध्य प्रदेश में सिंहस्थ कुंभ में दलित समुदाय से आने वाले संतों, रिटायर्ड नौकरशाहों और पुलिस अधिकारियों के साथ स्नान किया था। बाद में वहां पर खाना भी खाया था। स्नान के बाद शंकराचार्य ने अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा था कि इन हरकतों से कुछ होने वाला नहीं है।