गुजरात की इस भाजपा नेता को पिता ने ही कर दिया ”अनाथ”, पति का भी नहीं रहा साथ
करीब एक महीने पहले पाटीदार आरक्षण आंदोलन के अगुवा हार्दिक पटेल का साथ छोड़ भाजपा शामिल हुईं रेशमा पटेल इस हफ्ते दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात करेंगी।
करीब एक महीना पहले पाटीदार आरक्षण आंदोलन के अगुवा हार्दिक पटेल का साथ छोड़ भाजपा मेें शामिल हुईं रेशमा पटेल को गुजरात मेें एक अहम चेहरा बनाया जा सकता है। एक महीना पहले तक रेशमा हार्दिक पटेल की काफी करीबी मानी जाती थीं। तब वह पाटीदार समुदाय के लिए सरकारी नौकरी और कॉलेजों में आरक्षण की मांग के साथ थीं। रेशमा कहती हैं, ‘तब मुझे एहसास हुआ कि किसी को हमारी मांगों को जारी रखने की जरूरत हैं। फिर मैंने भूख हड़ताल पर जाने का फैसला लिया। गिरफ्तारी के बाद भी मैंने कुछ भी खाने से इंकार कर दिया। लेकिन हार्दिक ने पटेल नेतृत्व से मुझे साइडलाइन कर दिया।’ रेशमा आगे कहती हैं, ‘तब हार्दिक पटेल ने मुझसे पूछा कि सोशल मीडिया पर मुझे अपना मत रखने की आवश्यकता क्या थी? मैं क्यों इतना बोलती हूं?’ रेशमा हार्दिक पटेल पर निशाना साधते हुए कहती हैं, ‘गुजरात में हार्दिक पटेल की छवि कैसी हैं, ये बिल्कुल साफ हो चुका है। महिला प्रतिष्ठा की बात करने वाले हार्दिक को हमारी (भाजपा) पार्टी पर आरोप लगाने का हक नहीं है।’
बता दें रेशमा पटेल पाटीदार आंदोलन से जुड़ने से पहले एक बैंक में जीवन बीमा की एजेंट थीं। दूसरी तरफ अपनी कांटों भरी जिंदगी के बारे में बात करते हुए रेशमा कहती हैं कि आप विकिपीडिया पर पढ़ सकते हैं। मां की हत्या के आरोप में उनके पिता अभी भी जेल में बंद हैं। उन्होंने साल 2006 में पत्नी की हत्या कर दी थी। तब रेशमा महज 22 साल की थी। वह खुद को तभी से अनाथ मानती हैं।
रेशमा पटेल फिलहाल अहमदाबाद के महादेव नगर के एक फ्लैट में रह रही हैं। वह जुड़वा बच्चों की मां हैं। पति से भी उनका अलगाव हो चुका है।
बताया जाता है कि पहले वह कांग्रेस में जाने वाली थीं। फाइनल बातचीत के लिए दिल्ली भी आ गई थीं। लेकिन बताया जाता है कि हार्दिक पटेल की आपत्ति के चलते कांग्रेेेस ने मना कर दिया।
कांग्रेस में बात नहीं बनने पर रेशमा पटेल भाजपा में शामिल हुईं।