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यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) को संयुक्त विपक्ष की ओर से राष्ट्र्रपति पद का उम्मीदवार (Yashwant Sinha President Candidate) घोषित किया गया है। वहीं एनडीए (NDA) ने द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) को इस पद का उम्मीदवार बनाया है। अगले महीने 18 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव (Presidential Election 2022) होने हैं। यशवंत सिन्हा का नाम दिग्गज नेताओं में गिना जाता है। 1984 से 1991 तक वह जनता दल (Janta Dal) का हिस्सा थे। 1992 से 2018 तक वह बीजेपी (BJP) में रहे और 2021 में उन्होंने टीएमसी (TMC) जॉइन कर ली थी। एक वक्त ऐसा था जब भारत के पूर्व प्रधानमंत्री यशवंत सिन्हा को कांग्रेस में शामिल करना चाहते थे।
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एक बार बीबीसी को दिए इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि कैसे उन्होंने बीजेपी जॉइन की और किन पार्टियों की तरफ से उन्हें ऑफर आ रहे थे।
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इस इंटरव्यू में यशवंत सिन्हा ने कहा था कि उस वक्त चंद्रशेखर की समाजवादी जनता पार्टी खत्म होने की कगार पर थी।
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ऐसे में मेरे पास दो विकल्प थे कि या तो कांग्रेस में जाऊंं या बीजेपी में। पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव चाहते थे कि मैं कांग्रेस में आऊंं। (यह भी पढ़ें: राष्ट्रपति की रेस में यशवंत सिन्हा और द्रौपदी मुर्मू, जानिए कौन कितना एजुकेटेड)
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उनसे मेरी कई बार मुलाकात हुई थी और उन्होंने हमेशा मुझे कांग्रेस जॉइन करने को कहा लेकिन मैं कांग्रेस में नहीं जाना चाहता था।
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उसी समय मेरे एक दोस्त ने लालकृष्ण आडवाणी से मेरी मुलाकात करवाई थी और उस समय जनता दल के सभी घटकों को एक करने का मिशन चल रहा था। (यह भी पढ़ें: यशवंत सिन्हा बने संयुक्त विपक्ष के राष्ट्रपति उम्मीदवार, जानिए कितनी है संपत्ति)
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उसी समय मेरा कुछ मतभेद लालू प्रसाद यादव से हो गया था जिसके बाद मैंने तुरंत लालकृष्ण आडवाणी से बात की और कुछ दिनों बाद ही मुझे उन्होंने बीजेपी में शामिल करवा दिया। उस वक्त लालकृष्ण आडवाणी ने प्रैस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि यशवंत सिन्हा का बीजेपी में आना दिवाली गिफ्ट है। (All Photos: Indian Express Archive)