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आजकल फिटनेस और सेहत को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ रही है, और इसी के चलते इंटरमिटेंट फास्टिंग (Intermittent Fasting) तेजी से लोकप्रिय हो रही है। (Photo Source: Pexels)
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यह न सिर्फ वजन घटाने में सहायक है बल्कि शरीर को डिटॉक्स करने, पाचन सुधारने और ऊर्जा बढ़ाने में भी मदद करता है। आइए विस्तार से जानते हैं इंटरमिटेंट फास्टिंग के फायदे और इसका शरीर पर प्रभाव। (Photo Source: Pexels)
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इंटरमिटेंट फास्टिंग क्या है?
इंटरमिटेंट फास्टिंग (Intermittent Fasting) एक डाइट पैटर्न है, जिसमें कुछ निश्चित घंटों तक भोजन नहीं किया जाता और बाकी समय में हेल्दी फूड का सेवन किया जाता है। इसमें मुख्य रूप से खाने और उपवास (फास्टिंग) की अवधि तय होती है। (Photo Source: Pexels) -
इस फास्टिंग में कई प्रकार के पैटर्न होते हैं, जिनमें सबसे लोकप्रिय हैं:
1. 16/8 मेथड – इसमें 16 घंटे उपवास रखा जाता है और 8 घंटे के अंदर भोजन किया जाता है।
2. 5:2 डाइट – इसमें हफ्ते में 5 दिन सामान्य आहार लिया जाता है और 2 दिन कम कैलोरी (500-600 कैलोरी) का सेवन किया जाता है। (Photo Source: Pexels) -
3. ईट-स्टॉप-ईट – इसमें सप्ताह में एक या दो बार पूरे 24 घंटे उपवास रखा जाता है।
4. वॉरियर डाइट – इसमें 20 घंटे उपवास और फिर 4 घंटे खाने का समय होता है। 20 घंटे उपवास के दौरान आपको केवल कम कैलोरी वाले खाद्य पदार्थ जैसे फल, सब्जियां, और बिना चीनी वाले पेय पदार्थ खाने की अनुमति होती है। वहीं, बाकी 4 घंटों में आप सामान्य भोजन कर सकते हैं। (Photo Source: Pexels) -
इंटरमिटेंट फास्टिंग के फायदे
वजन घटाने में मददगार
इंटरमिटेंट फास्टिंग से मेटाबॉलिज्म तेज होता है, जिससे शरीर ज्यादा कैलोरी बर्न करता है। यह शरीर में जमा फैट को ऊर्जा में बदलने की प्रक्रिया को तेज करता है, जिससे वजन तेजी से कम होता है। (Photo Source: Pexels) -
ब्रेन के लिए फायदेमंद
फास्टिंग के दौरान ब्रेन डेराइव्ड न्यूरोट्रोफिक फैक्टर (BDNF) नामक हार्मोन का स्तर बढ़ता है, जो ब्रेन सेल्स के विकास में मदद करता है। इससे याददाश्त और एकाग्रता (फोकस) बेहतर होती है और अल्जाइमर जैसी बीमारियों का खतरा कम होता है। (Photo Source: Pexels) -
बॉडी को डिटॉक्स करें
फास्टिंग के दौरान शरीर ऑटोफैगी (Autophagy) प्रक्रिया को सक्रिय करता है, जिससे खराब और डेड सेल्स साफ होती हैं। इससे शरीर अंदर से हेल्दी और एनर्जेटिक महसूस करता है। (Photo Source: Pexels) -
दिल को हेल्दी बनाए
इंटरमिटेंट फास्टिंग से खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) और हाई ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है, जिससे हृदय रोगों का खतरा कम होता है। यह ब्लड सर्कुलेशन को भी सुधारता है, जिससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक की संभावना घटती है। (Photo Source: Pexels) -
शुगर कंट्रोल में रखे
लंबे समय तक न खाने से शरीर इंसुलिन को अधिक प्रभावी ढंग से उपयोग करता है। इससे ब्लड शुगर लेवल संतुलित रहता है और टाइप-2 डायबिटीज का खतरा कम हो सकता है। (Photo Source: Pexels) -
पाचन के लिए बेहतर
इंटरमिटेंट फास्टिंग से पाचन तंत्र को आराम मिलता है, जिससे खाना अच्छे से पचता है। इससे गैस, एसिडिटी और कब्ज जैसी समस्याएं कम हो सकती हैं। इसके अलावा, यह आंतों के बैक्टीरिया को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है। (Photo Source: Pexels) -
इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें
फास्टिंग के दौरान हाइड्रेटेड रहें और खूब पानी पिएं। उपवास खत्म करने के बाद हेल्दी और संतुलित आहार लें। अत्यधिक भूख लगने पर हल्के हेल्दी स्नैक्स का सेवन करें। किसी भी स्वास्थ्य समस्या होने पर डॉक्टर से परामर्श लें। (Photo Source: Pexels)