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राजा भैया जब सपा के कार्यकाल में केबिनेट मंत्री बने तो कुंडा में जश्न का माहौल था, लेकिन ये खुशी मातम में तब बदल गई जब कुंडा के ग्राम प्रधान हत्याकांड के दौरान फैली हिंसा में कुंडा के सीओ रहे जिआ-उल-हक की हत्या हो गई। हत्या के बाद राजा भैया को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था, क्योंकि सीओ की पत्नी का आरोप था उनके पति की हत्या राजा भैया के इशारे पर हुई है। इस मामले पर राजा भैया ने जब चुप्पी तोड़ी तो फिर कोई कुछ नहीं कह सका।
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एक इंटरव्यू में राजा भैया अपने ऊपर लगने वाले आरोपों पर खुलकर कहा था कि उनकी कुंडली में ही अपयश का योग है।
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राजा भैया ने सीओ हत्याकांड पर भी कुछ ऐसा ही कहा था। उन्होंन कहा था कि जिस वक्त यह सब कांड हो रहा था वह तत्कालीन सीएम अखिलेश जी के साथ वार्ता कर हरे थे।
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राजा भैया का कहना था कि अगर उनको सीओ से तकलीफ होती तो उनके लिए सबसे आसान था उनका ट्रांसफर करना देना।
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राजा भैया का कहना था की राजनीति में यह सर्वविदित है कि जब किसी अधिकारी या नेता में पटरी नहीं खाती तो उसका ट्रांसफर करा दिया जाता है।
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राजा भैया ने कहा कि उनके लिए भी यदि यह स्थिति होती तो हत्या से ज्यादा आसान था ट्रांसफर करा देना।
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राजा भैया पर सीओ की पत्नी परवीन नेहत्या का षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया था। हालांकि, सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट में राजा भैया को क्लीन चिट दे दी गई थी।
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Photos: Social Media
